उत्तर प्रदेशलखनऊ

मोटिवेजर्स क्लब के बुजुर्गों ने खेल प्रतियोगिता में बढ़चढ़ कर लिया हिस्सा

खेल प्रतियोगिता में मोटिवेजर्स क्लब के बुजुर्गों ने दिखाया दम

‘दिल तो बच्चा है जी’ यह कहावत बिलकुल सच साबित हो जाती है जब मोटिवेजर्स क्लब के बुजुर्ग उम्र के बंधन को पीछे छोड़ खेल प्रतियोगिता में मस्त होकर खेलते नजर आए। रविवार को जनेश्वर मिश्र पार्क में मोटिवेजर्स क्लब द्वारा आयोजित कराए गए खेल प्रतियोगिता में बुजुर्गों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और विपक्ष टीम को मात देने का बेहतरीन प्रयास किया। कार्यक्रम के दौरान लेमन रेस, बोलिंग गेम और दम शराज जैसे खेलों को शामिल किया गया जिसमें महिलाओं और पुरुषों की अलग अलग टीम बनाकर प्रतियोगिता कराई गई।

लेमन रेस

वैसे तो बचपन में सभी ने लेमन रेस जैसी प्रतियोगिताओं में खूब हिस्सा लिया होगा लेकिन जब सिनियर सिटीजन ऐसे खेल खेलते हैं तो उसका मजा और भी दोगुना हो जाता है। लेमन रेस के दौरान महिलाओं और पुरुषों को अलग अलग टीम में बांट दिया गया और स्पून पर लेमन को बैलेंस करते हुए दांतों से दबा कर रेस कराई गई जिसमें सभी ने बेहतर प्रयास किया लेकिन सुनीता वीर, ओपी दीक्षित, जीसी त्रिपाठी और आभा लोहानी इस रेस के विजेता रहे।

बॉलिंग गेम

वैसे तो बॉलिंग गेम अक्सर बड़े बड़े मॉल के गेम सेक्शन में खेलने को मिलता है लेकिन कार्यक्रम के दौरान मिनी बॉलिंग गेम प्रतियोगिता भी रखी गई। इसमें भी महिलाओं और पुरुषों को अलग अलग टीम में बांट दिया गया और बॉल से सामने रखे प्रॉप्स को गिराना था। वैसे तो दोनो ही टीम में बेतहर प्रयास किया लेकिन पुरुषों ने ज्यादा सटीक निशाना बनाते हुए और प्रॉप्स को गिरा कर जीत हासिल की। इस गेम में सुरेश सिंह, प्रवीण कुमार, किशोर शाह और जीसी त्रिपाठी विजेता रहे।

हेडफोन गेम

फन एक्टिविटीज के दौरान हेडफोन गेम भी हुआ जिसमें शामिल होने वाले दो लोग में एक हेडफोन लगा लेता है जिसमें गाने चलते हैं और उनके पार्टनर को फिल्म का नाम बताया जाता हैं जिसे वो सामने वाले को बताने का प्रयास करते हैं और सही नाम बताने वाला इस गेम का विजेता होता है। इस गेम में कुछ लोगों ने पुरानी फिल्मों के सही नाम बताए तो वहीं कुछ ने अजीबोगरीब नाम बता कर वहां मौजूद सभी लोगों को खूब हसाया।

क्लब के फाउंडर गौरव छाबड़ा ने कहा कि उम्र कितनी भी हो इंसान को अपनी जिंदादिली हमेशा बरकरार रखनी चाहिए और इसी प्रयास के साथ हम बुजुर्गों के लिए खासतौर पर इस तरह के कार्यक्रम करते रहते हैं। समाज के बुजुर्गों में आ रहे अकेलेपन को दूर करने और उनकी प्रतिभा को दिखाने के लिए करीब छः वर्ष पहले इस क्लब की शुरुआत की गई थी और हम आगे भी इस तरह के कार्यक्रम करने का प्रयास करते रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान सहयोगी आस्था सिंह और सौम्या शुक्ला समेत अन्य वॉलेंटियर मौजूद रहे।

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