केरल में निपाह वायरस और उत्तर प्रदेश में बच्चों में हो रहे बुखार को लेकर केंद्रीय टीम ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने केरल सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है. केरल में निपाह वायरस और उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से बच्चों में बुखार के मामले सामने आए हैं, उसके बाद केंद्र सरकार ने दोनों जगह पर केंद्रीय टीम भेजी थी. केंद्रीय टीम की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर ही केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने ये लेटर लिखा है.
केंद्र ने केरल सरकार को स्पष्ट कहा है कि कई सारी खामियां पाई गई हैं, सेंट्रल टीम ने कहा है कि कांटेक्ट ट्रेसिंग के साथ और भी कई कदम इस बीमारी से निपटने के लिए उठाने की जरूरत है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को भी बुखार से निपटने के लिए कई तरह के कदम उठाने को केंद्र ने कहा है. इसके साथ ही केंद्र के दो अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से प्रभावित जिलों में अगले 14 दिनों तक पदस्थापित कर दिया गया है.
केरल सरकार को लिखा पत्र
केरल सरकार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने जो पत्र लिखा है उसमें निपाह वायरस से संबंधित बातों का जिक्र किया है. राजेश भूषण ने लिखा है कि केरल के कोझिकोड जिले में केंद्रीय टीम की तैनाती हो चुकी है. केंद्रीय टीम ने सर्विलेंस का काम शुरू कर दिया है. केंद्रीय टीम को जो प्रारंभिक जानकारी जानकारी मिली है, उसके मुताबिक जिले के अस्पताल में और भी ज्यादा सर्विलेंस को दुरुस्त करने की जरूरत है. इसके अलावा इस बीमारी से संबंधित एक कंटेनमेंट एरिया भी बनाने की जरूरत भी बताई गई है. वहीं एक माइक्रो प्लान करने की जरूरत पर बल दिया गया है, जिसका बुनियादी ढांचा केंद्रीय टीम ने तैयार किया है.
इसके अलावा इसके पास के जिले जिसमें कन्नूर मलापुरम और वायनाड शामिल है उनको भी अलर्ट मोड पर डाला गया है. इसके अलावा जो हाईरिस्क कांटेक्ट है उनको तत्काल प्रभाव से क्वारंटाइन रहने को कहा गया है. जहां तक लैब सिस्टम की बात है तो एलेप्पी में लैब सिस्टम पूरी तरह से सपोर्ट दे रहा है. इस पूरे मामले में अगर जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार को आईसीएमआर की ओर से और भी ज्यादा लैब की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.
गवर्मेंट अस्पताल कोझिकोड को इस बीमारी के लिए मॉडल अस्पताल के तौर पर फिलहाल विकसित करने को कहा गया है, जिसमें आईसीयू और तमाम जैसी सुविधाएं हैं. इसके साथ ही रेफरल अस्पताल बनाने की भी बात की गई है. इसके साथ ही राज्य सरकार को एंटीवायरल दवाई का स्टॉक बनाने को कहा गया है. एक 24X7 कंट्रोल रूम सेटअप करने की हिदायत दी गई है और यह भी बताया गया है यहां से हर तरह की जानकारी मीडिया को दी जाए. इसके साथ ही एनिमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट, वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट को, फील्ड ऑफिसर तैनात करने को कहा गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार को लिखे पत्र में राजेश भूषण ने कहा है कि केंद्रीय टीम को जो प्रारंभिक जानकारी मिली है उसके आधार पर कई बातों पर ध्यान देने के लिए कहा गया है. इनमें सबसे पहले मरीजों का डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड इन सभी बीमारियों का टेस्ट करना जरूरी है. केंद्र ने कहा है कि राज्य में डोर टू डोर कैंपेन चलाने की जरूरत है. इसके साथ में फीवर को लेकर सर्वे भी होना चाहिए.केंद्र ने कहा है कि सर्विलांस सिस्टम को और भी ज्यादा मजबूत करने की जरूरत है. अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड्स बढ़ाने की जरूरत है. डिस्ट्रिक्ट अस्पताल फिरोजाबाद और आसपास के जिलों में भी ज्यादा से ज्यादा ऐसे बेड्स बढ़ाने की जरूरत है.