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फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा झटका: दिग्गज अभिनेता नहीं रहे, चार दशकों तक निभाया अभिनय का सफर

मुंबई: दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। मलयालम सिनेमा के चर्चित चेहरे और दिग्गज अभिनेता शानवास का 71 वर्ष की उम्र में सोमवार रात निधन हो गया। वे लीजेंडरी अभिनेता प्रेम नज़ीर के बेटे थे और पिछले कई वर्षों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे।

तिरुवनंतपुरम स्थित एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली, जहां उन्हें अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद भर्ती कराया गया था। 4 अगस्त 2025 की रात, भारतीय सिनेमा ने अपने एक और चमकते सितारे को खो दिया।

सिनेमा के मंच पर चार दशकों तक चमका एक नाम
शानवास का फिल्मी करियर साल 1981 में शुरू हुआ, जब उन्होंने बालचंद्र मेनन द्वारा निर्देशित फिल्म ‘प्रेमगीतंगल’ से डेब्यू किया। उस वक्त वे चेन्नई के न्यू कॉलेज से अंग्रेज़ी साहित्य में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे थे। अभिनय की दुनिया में उन्होंने अलग-अलग रंगों वाले किरदारों से अपनी एक खास जगह बनाई – कभी रोमांटिक हीरो, तो कभी एक शक्तिशाली विलेन।

उनके फिल्मी सफर में करीब 96 फिल्में शामिल हैं, जिनमें से 50 से अधिक मलयालम और 40 से ज्यादा तमिल फिल्में थीं। ‘चित्रम’, ‘नीलागिरी’, ‘मौन रागम’, ‘मणिथली’, ‘हिमाम’ और ‘गानम’ जैसी फिल्मों में उनकी दमदार मौजूदगी को दर्शकों ने हमेशा सराहा।

फिल्मों से दूर, फिर की दमदार वापसी
एक वक्त ऐसा भी आया जब शानवास ने करीब 20 सालों तक फिल्मों से दूरी बनाए रखी। लेकिन साल 2011 में उन्होंने सुपरस्टार मोहनलाल के साथ फिल्म ‘चाइना टाउन’ में शानदार वापसी की। इसके बाद 2022 में वे पृथ्वीराज सुकुमारन की चर्चित थ्रिलर ‘जन गण मन’ में नज़र आए, जो उनकी आखिरी फिल्म साबित हुई।

फिल्मों के साथ टेलीविज़न पर भी बिखेरा जादू
सिल्वर स्क्रीन के अलावा शानवास ने टीवी इंडस्ट्री में भी अपनी पहचान बनाई। ‘शंखमुखम’, ‘वेलुथा कथरीना’, ‘कदमतथु कथानार’ और ‘सत्यमेव जयते’ जैसे धारावाहिकों में उनका अभिनय सराहनीय रहा।

एक फिल्मी विरासत का वारिस
शानवास का जन्म फिल्मी माहौल में हुआ था। वे महान अभिनेता प्रेम नज़ीर और हबीबा बीवी के बेटे थे। उनके परिवार में कला और संस्कृति की विरासत गहराई से जुड़ी रही है। उनकी पत्नी का नाम आयशा बीवी है और उनके दो बेटे हैं – शमीर खान, जो मलेशिया में व्लॉगर और मैनेजर हैं, और अजित खान, जो ऑस्ट्रेलिया में कार्यरत हैं।

सिनेमा ने खोया एक सजग कलाकार
शानवास के निधन से मलयालम सिनेमा ने न सिर्फ एक अनुभवी अभिनेता को खोया है, बल्कि एक ऐसे कलाकार को भी, जिसने अपने अभिनय से पर्दे पर जीवन भर भावनाएं बिखेरीं। उनके अभिनय की गूंज आने वाले समय में भी दर्शकों के दिलों में जिंदा रहेगी।

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