देहरादून ( विवेक ओझा) : भारत सरकार ने 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे मनाने का ऐलान कर दिया। परसो यानी 23 अगस्त को देश में पहली बार राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जायेगा। अब सवाल उठता है कि 23 अगस्त के दिन में ऐसा क्या खास है कि इसी दिन इस दिवस का मनाना तय हुआ है। तो आपको बता दें कि पिछले साल 23 अगस्त को चंद्रयान 3 मिशन के दौरान चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर की सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग हुई थी। इसी दिन चंद्रमा के दक्षिणी भाग पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था भारत। चंद्रयान की सफल लैंडिंग के बाद भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बन गया।
इस बार से इसलिए 23 अगस्त का दिन चंद्रयान 3 मिशन की सफलता को चेरिश करने का दिन हुआ करेगा। पूरे देश भर में इस दिन सेलिब्रेशन होगा तो स्पेस रिसर्च पर लोगों के बीच चर्चा भी बढ़ेगी। इससे स्पेस लिटरेसी यानी अंतरिक्ष साक्षरता को बढ़ावा मिलेगा। आपको बता दें कि चंद्रयान-3 की लागत महज 615 करोड़ रुपये थी ,वहीं, चंद्रयान-2 का बजट 978 करोड़ के आस-पास था, जबकि भारत के पहले मून मिशन पर लगभग 2000 रुपये खर्च हुए थे। इस हिसाब से चंद्रयान 3 मिशन काफी किफायती भी था।
भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा है कि अप्रैल 2025 तक एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा करेगा । इसके लिए दो भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और प्रशांत बालकृष्णन नायर अमेरिका में प्रशिक्षण ले रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़े रिसर्च में भारत का योगदान बढ़े तो बहुत बेहतर होगा।
इस समय नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स भी स्पेस सेंटर में फंस गईं हैं और उनको सुरक्षित वापस लाने के लिए नासा एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियमस के साथ बैरी विल्मोर भी 2 महीने से ज्यादा वक्त से स्पेस में फंसे हैं।
इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को 8 दिन के लिए भेजा गया था और 14 जून तक इन्हें धरती पर वापस लौटना था। लेकिन स्पेसक्राफ्ट में आई खामी के चलते अब इन दोनों की वापसी अनिश्चितकाल के लिए फिलहाल टल गई है। यह स्पेसक्राफ्ट 5 जून को लॉन्च हुआ था और थ्रस्टर्स में आई एक खामी व हीलियम लीक के चलते अब यह ISS पर फंस गया है।