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उत्तराखंड में लगने लगा साइबेरियन “मेहमानों” का जमावड़ा, वन विभाग सतर्क

खटीमा: सर्दी का मौसम शुरू होते ही साइबेरियन पक्षियों (Siberian Migratory Birds) का उत्तराखंड के कुछ इलाकों में पहुंचना शुरू हो चुका है. यहां उधम सिंह नगर के खटीमा (Khatima) में पक्षियों के आने के साथ ही इनके शिकार की संभावनाओं को देखते हुए वन विभाग भी सतर्क हो गया है. शिकारियों पर निगरानी रखने के लिए वन विभाग (Forest Department) ने पेट्रोलिंग भी शुरू कर दी है.

सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है, साथ ही साइबेरियन पक्षियों का खटीमा पहुंचना शुरू हो गया है. खटीमा और नानकमत्ता क्षेत्र में स्थित शारदा डैम और नानक सागर डैम तथा उससे सटे हुए आसपास के जलाशयों में आजकल विदेशी साइबेरियन पक्षियों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. इन विदेशी साइबेरियन पक्षियों का स्थानीय लोगों व शिकारियों द्वारा अवैध रूप से शिकार किया जाता रहा है.

साइबेरियन पक्षियों की सुरक्षा बड़ी चिंता
विगत कई वर्षों से विदेशी साइबेरियन पक्षियों की शिकार के मामले सामने आते रहे हैं. इसलिए इस साल विदेशी साइबेरियन पक्षियों को शिकार से बचाने के लिए वन विभाग द्वारा पेट्रोलिंग शुरू कर दी गई है. यह पक्षी मार्च के प्रथम सप्ताह तक अपने देश को लौटने लगते हैं. डीएफओ तराई पूर्वी वन प्रभाग डॉ. संदीप कुमार ने बताया कि वन विभाग साइबेरियन पक्षियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है.

15 अक्तूबर से बैगुल, शारदा सागर बांधों में साइबेरियन पक्षियों का आना शुरू हो गया था. डीएम ऊधम सिंह नगर से पक्षियों की सुरक्षा के लिए मोटर बोट, पेट्रोलिंग राफ्ट खरीदने की अनुमति ली गई है. वन विभाग लगातार सागरों में पेट्रोलिंग कर रहा है. गत वर्ष भी साइबेरियन पक्षियों के शिकारियों को पकड़ा गया था. किसी भी स्थिति में शिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा. विदेशी साइबेरियन पक्षियों को शिकार से बचाने के लिए पिछले साल 2020 में वन विभाग द्वारा स्पेशल टीमों का गठन किया गया था. जिसमें वन कर्मचारियों के अतिरिक्त पीआरडी के जवानों को भी शामिल किया गया था. जिनके द्वारा संदिग्ध लोगों के क्रियाकलापों पर नजर रखी गई थी. साथ ही पुलिस की मदद से छापेमारी अभियान भी चलाया जाएगा था.

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