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मध्यप्रदेश में शिक्षा को गोरखधंधा बनाने वाले निजी स्कूलों के संचालकों पर सरकार ने सख्ती बरतनी शुरू की

भोपाल : शिक्षा को गोरखधंधा बनाने वाले निजी स्कूलों के संचालकों पर सरकार ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। अब नए तरीके से सरकार इनसे निपटने की तैयारी कर रही है। राज्य शासन ने प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे स्कूल फीस और अन्य विषयों की जानकारी पोर्टल पर आठ जून तक अपलोड कर दें। जबलपुर में कलेक्टर द्वारा की गई कार्रवाई के बाद अब अधिकारियों ने पूरे प्रदेश में इन नियमों को लागू करने की पहल शुरू की है।

वहीं, प्रदेश के सभी कलेक्टर को 30 जून तक विशेष अभियान चलाकर निजी स्कूलों में अनियमितताओं की जांच के निर्देश दिए गए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कुछ स्कूलों द्वारा फर्जी व डुप्लीकेट पाठ्य-पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। इस अभियान में अनियमितताएं चिह्नित होने पर संबंधित प्रकाशक और बुक सेलर्स के खिलाफ नियमानुरूप कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए गए हैं। विभाग ने सभी कलेक्टरों को जांच के बाद प्रतिवेदन लोक शिक्षण संचालनालय की आयुक्त को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सभी कलेक्टरों को जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि राज्य शासन को कुछ निजी स्कूलों द्वारा शासन के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। अनियमितता बरतने की शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे में सभी कलेक्टर फीस अधिनियम के सभी प्रावधानों का कड़ाई से पालन कराएं।

प्रदेश में निजी स्कूलों द्वारा फीस में वृद्धि एवं इससे जुड़े अन्य विषयों को नियमन करने के लिए मप्र निजी विद्यालय (फीस और संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम-2017 बनाया गया है। इस अधिनियम को 2018 में लागू किया गया था। इसके बाद इस अधिनियम के अधीन मप्र निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) नियम-2020 में प्रावधान किया गया है कि राज्य सरकार प्राइवेट स्कूलों की फीस और अन्य विषयों पर निर्णय लेकर फीस विनियमन कर सकेगी।

नकली किताबों की जांच करें

आदेश में कहा गया है कि फर्जी और डुप्लीकेट आईएसबीएन पाठ्यपुस्तकों को स्कूलों में चलाया जा रहा है। 30 जून 2024 तक विशेष अभियान चलाकर इसकी जांच करें।

डुप्लीकेट किताब चलाने का खुलासा

जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने 11 निजी स्कूलों की जांच कराकर वहां फर्जी और डुप्लीकेट पुस्तकें चलाने का खुलासा किया था।उन्होंने यह भी पकड़ा कि इन स्कूलों ने 81.30 करोड़ रुपए की फीस ज्यादा वसूल ली। इन स्कूलों पर 22 लाख की पेनाल्टी लगाकर स्कूलों के 20 प्राचार्यों, चेयरमैन, सीईओ, सचिव और अन्य पदाधिकारियों की गिरफ्तार किया गया है।

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