नूंह : हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा अचानक दो समुदायों के आमने-सामने आ जाने का परिणाम है या फिर इसे साजिश के तहत अंजाम दिया गया? इस सवाल पर हरियाणा पुलिस और सरकार के दावे अलग-अलग हैं। नूंह के नए एसपी ने जहां कह दिया है कि हिंसा का कोई मास्टरमाइंड नहीं हो तो गृहमंत्री अनिल विज ने एक बार फिर कहा कि इसके पीछे ‘बड़ा गेम प्लान’ था। खुफिया इनपुट को लेकर भी पुलिस और गृहमंत्री के दावे अलग हैं। विज ने यह भी कहा कि सरकार जल्दबाजी में किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचेगी, बल्कि विस्तार से जांच की जाएगी। हरियाणा के गृहमंत्री ने कहा कि स्थिति में सुधार होने पर इंटरनेट सर्विस शुरू कर दी जाएगी।
शुक्रवार को अनिल विज ने कहा, ‘लोग मंदिर के पास पाहाड़ियों पर चढ़ गए, उनके हाथों में लाठियां थीं और एंट्री पॉइंट्स पर एकत्रित हो गए। क्या यह सब बिना प्लान के हो सकता है? गोली चलाई गई, किसी ने जरूर इनकी व्यवस्था की होगी। गोलीबारी की जा रही थी, हथियार कहां से आए? यह सब प्लान का हिस्सा है।’
हरियाणा के गृहमंत्री हिंसा वाले दिन से ही कहते आ रहे हैं कि जिस तरह यात्रा पर हमला हुआ वह सोची समझी साजिश लगती है और जरूर इसके पीछे कोई मास्टरमाइंड है। वह अब भी अपनी बात पर कायम हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें जानकारी मिल रही है कि गोलीबारी की घटनाएं सोची-समझी साजिश है। पत्थरों को छतों पर इकट्ठा किया गया था और गोलीबारी की गई। हम जानकारी जुटा रहे हैं और जिम्मेदार लोगों पर ऐक्शन ले रहे हैं।’
एक तरफ तो विज हिंसा के पीछे साजिश बता रहे हैं दूसरी तरफ शुक्रवार को ही नूंह के नए एसपी बनाए गए नरेंद्र बिजारणिया ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि हिंसा का कोई मास्टरमाइंड है। एसपी ने कहा कि अब तक की जांच से पता चला है कि छोटे संगठन और सोशल मीडिया पर तत्काल लोगों को एकत्रित करने की कॉल दी गई थी। उन्होंने कहा कि इन लोगों की पहचान कर ली गई है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि नूंह हिंसा मामले में अब तक 55 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और इनमें 141 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।