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चीन की सरकार अपने की लोगों की निजी जीवन शैली को बदलने पर तुली, कई तरह की होंगी पाबंदियां

बीजिंग। चीन अब अपने नागरिकों के निजी जीवन में भी दखल देने की कवायद कर रहा है। इस कवायद को उसने बेहतर जीवनशैली का नाम दिया है। इसके जरिए चीन की कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी लोगों को खासतौर पर छात्रों को ये बता रही है कि वो लोगों से किस तरह से पेश आएं और कैसे उनसे बात करें। साथ ही अपने जीवन को वो कैसे जीएं।

सरकार की तरफ से बताए जा रहे इन नियम कायदों में कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी आफ चाइना ये भी बता रही है कि बच्‍चे कितनी देर तक वीडियो गेम्‍स खेल सकते हैं। साथ ही स्‍कूल के बाद छात्र कैसे, कब और कहांं क्‍लासेस ले सकते हैं। सीएनएन की खबर के हवाले से एएनआइ ने बताया है कि सरकार की तरफ से ये भी बताया जा रहा है कि किस व्‍यक्ति को टीवी पर क्‍या देखना चाहिए और उसको किस तरह का दिखना चाहिए। इतना ही नहीं वो अपने पसंदीदा सेलिब्रिटी या अपने आदर्श माने जाने वाले व्‍यक्ति की किस तरह की एक्टिविटी में हिस्‍सा ले सकते हैं, ये सब कुछ अब सरकार लोगों को सिखाने में लगी है।

यूनिवर्सिटी आफ शिकागो के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डली यांग का कहना है कि सरकार इसके जरिए मनोरंजन पर भी लगाम लगाने की कोशिश कर रही है। इसका अर्थ ये भी है कि अब लोगों पास विकल्‍प काफी कम होंगे। बच्‍चों के लिए वीडियो गेम्‍स के समय की सीमा तय होने से उन्‍हें इसके लिए कम समय मिलेगा। इतना ही नहीं सरकार टीवी और मनोरंजन प्रोग्राम में भी सिलेब्‍स के प्रदर्शन पर लगाम लगाना चा‍हती है। इसकी वजह से सरकार की आलोचना भी हो रही है।

जानाकारों का कहना है कि चीन की कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी का लोगों के निजी जीवन में दखल देना एक पुरानी परंपरा रही है। हाल के कुछ वर्षों में ये हर जगह देखने को भी मिला है और उसके बढ़ोतरी ही हुई है। बीजिंग के एक राजनीतिक विश्‍लेषक वू कियांग का कहना है कि ये चीन के राष्‍ट्रपति की उस कवायद का हिस्‍सा है जो अपने युवाओं को अपनी नीतियों से अवगत कराना चाहते हैं और उन्‍हें ये भी बताना चाहते हैं कि वो इस बात का स्‍वीकार करें कि अब वे चीन में एक नए युग में हैं।

वू के मुताबिक राष्‍ट्रपति चिनफिंग अगले वर्ष अपने तीसरे दौर के कार्यकाल की शुरुआत करेंगे। वो चाहते हैं कि देश का युवा वर्ग उनसे अधिक से अधिक जुड़े। रेडियो फ्री एशिया के मुताबिक बीजिंग की तरफ से केवल छात्रों पर ही इसको लेकर दबाव नहीं डाला जा रहा है बल्कि इसमें तिब्‍बत के छात्र भी शामिल हैं। चीन की सरकार ने तिब्‍बत पर इस बात का दबाव बनाया हुआ है कि स्‍कूल जाने वाले छात्रों को हर हाल में उनकी छुट्टियों के दौरान मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाए।

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