सम्मेद शिखर की तीर्थ के रूप में ही रहेगी पहचान, जैन समाज के आक्रोश के सामने झुकी सरकार
इंदौर : झारखंड में स्थित जैन समाज के पवित्र स्थल को वहाँ की सरकार के द्वारा पर्यटन स्थल की सूची में लाने के बाद जैन समुदाय में भारी आक्रोश व्याप्त है, जिसको लेकर जबलपुर के जैन समुदाय ने आज बड़ा फुहारा से सिविक सेंटर तक मौन जुलूस निकाला गया जिसमे हजारो की संख्या में जैन समुदाय के महिला पुरुष शामिल हुए।
बता दें कि हाथो में बैनर,पोस्टर लेकर सरकार से अध्यादेश वापस लिए जाने की मांग की गई, विभिन्न मार्गों से होते हुए विशाल जुलूस मालवीय चौक पहुँचा जहा सम्मेद शिखर को पर्यटन सूची से हटाने की मांग को लेकर जैन समुदाय ने प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौपा है। सम्मेद शिखर को बचाने के लिए व्यापारी बंधुओ द्वारा अपने अपने प्रतिष्ठानो को बंद रखा गया।
अध्यक्ष का कहना है की जैन समाज एकजुट होकर विरोध में उतर आया है। जैन समाज सही रास्ते पर है और निश्चित रूप से सरकार का फैसला गलत है। इसे सरकार वापस ले, क्योंकि जैन समाज का सबसे प्रमुख तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर जी है। जैन समाज के 24 भगवान में से 20 भगवान वहां से बने हैं। करोड़ों करोड़ों मुनि महाशय मोक्ष को पहुंचे हैं। हम उसे पवित्र मानते हैं।
हमारे धर्म में लिखा हुआ है कि एक बार उस तीर्थ की वंदना कर ली तो कभी भी उस व्यक्ति को पशु गति और नरक गति प्राप्त नहीं होगी। इतने पवित्र स्थल को पर्यटक स्थल घोषित करेंगे तो पर्यटन स्थल में क्या होता है यह आप सब जानते हैं, इसलिए हम इसका विरोध करते हैं। अगर सरकार अभी भी नहीं जागी तो आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।