अक्षय नवमी पर विधि विधान से हुआ आंवला वृक्ष का पूजन
बांदा: कार्तिक शुक्ल की नवमी तिथि पर अक्षय नवमी का पर्व ग्रामीण व शहरी इलाकों में आस्था से मनाया गया। आस्थावानों ने आंवले के पेड़ के नीचे बैठ कर भोजन किया। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
शहर के पास नवाब टैंक के समीप आंवला के बाग में पूरे दिन उत्सव का माहौल रहा। परिवार समेत आए लोगों ने आंवले की विधि विधान से पूजा की फिर उसी पेड़ की छांव में बैठ भोजन किया। इसी तरह संकट मोचन मंदिर के पीछे सोल्जर बोर्ड कार्यालय परिसर में लगे आंवला के पेड़ के नीचे बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना कर वृक्ष के नीचे भोजन किया। यहां दिन भर पिकनिक सा माहौल देखने को मिला।
मान्यता है कि इस दौरान मांगी जाने वाली मन्नत पूरी होती है। आचार्य पं राजेश महराज ने बताया कि आंवला पूजन घर में शांति लाता है। आंवले के वृक्ष का पूजन करने से जिस इच्छा के साथ पूजन किया जाता है, वह इच्छा पूर्ण होती है।
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शास्त्रों के अनुसार आंवला पति-पत्नी के मधुर सबंध बनाने वाली औषधि है। मान्यताओं के अनुसार, आंवला नवमी के दिन भगवान विष्णु और शिवजी आंवले में वास करते हैं।
इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से आरोग्यता और सुख-समृद्धि बनी रहती है मान्यता यह भी है कि इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने से दरिद्रता दूर होती हैं। साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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