अहमदाबाद : गुजरात सरकार ने ‘गरीब कल्याण मेले’ के जरिए 1.5 करोड़ गरीबों के जीवन को संवारने का प्रयास किया है। नाम से ही जाहिर है कि यह अभियान गरीबों को सशक्त बनाने के लिए चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 1,530 गरीब कल्याण मेले कि जरिए लाभार्थियों तक विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 26,600 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध करवाई जा चुकी है। मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सरकार ने लगातार इस अभियान पर फोकस किया है, जिससे गरीबों तक सीधा लाभ पहुंच रहा है और उनका जीवन प्रतिदिन बेहतर हो रहा है।
गुजरात सरकार की ओर से चलाए जा रहे ‘गरीब कल्याण मेले’ की शुरूआत 2009 में ही हो चुकी थी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सरकार ने इस अभियान की निरंतरता बनाए रखने पर जोर दिया है और इसी का परिणाम है कि वह विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बहुत ज्यादा संख्या में गरीब जनता तक सीधा लाभ पहुंचा सकी है। इस योजना का लक्ष्य राज्य की हर गरीब जनता को सशक्त बनाना चाहती है। 26,600 करोड़ रुपये की सहायता 2009 से राज्य सरकार 12 चरणों में ‘गरीब कल्याण मेले’ का आयोजन कर चुकी है। इसके तहत इस तरह के लगभग 1,530 मेले आयोजित किए जा चुके हैं और करीब 1.50 करोड़ लोग इसका लाभ उठा चुके हैं।
इस योजना का दायरा कितना बड़ा है, इसका अनुमान इसके लिए विभिन्न योजनाओं के तहत खर्च हुई 26,600 करोड़ की राशि से पता चलता है, जो योजना के तहत गरीबों को उपलब्ध करवाई गई है। घर बैठे ही पहुंच रही है सहायता पशुपालन और डेयरी कारोबार से जुड़े बनासकांठा के दशरथभाई देसाई का कहना है, ‘हमने दूध उत्पादन और कारोबार से संबंधित जरूरी उपकरण लेने के लिए जैसे ही जरूरी दस्तावेज जमा किए, हमें गरीब कल्याण मेले में हाथों-हाथ सहायता मिल गई। पहले हमें 100 किलोमीटर दूर पालनपुर भागना पड़ता था, लेकिन अब इस योजना की शुरुआत के बाद सरकार की ओर से यह हमारे घर बैठे ही उपलब्ध करवाया जा रहा है।’
गरीबों का संवर रहा जीवन गरीब कल्याण मेले में लाभार्थियों को राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग के अलावा आदिवासी विकास, कृषि और ग्रामीण विकास जैसे विभागों की योजनाओं का भी लाभ दिया जाता है। कभी-कभार छोटे-मोटे काम करके आजीविका चलाने वाली अमिया बेन आज घर पर ही सिलाई का काम करके अच्छा कमा रही हैं और पहले से काफी बेहतर जीवन जी रही हैं। उन्हें समाज कल्याण विभाग की ओर से स्व-रोजगार के लिए मदद उपलब्ध करवाई गई है। वो कहती हैं, ‘इस गरीब कल्याण मेले से हमारे परिवार को फायदा मिला है।’