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महाशक्तियों की बैठक आज, पुतिन-मोदी की मुलाकात से बदलेगा खेल… SCO समिट पर टिकी दुनिया की नजरें

India China Russia Relation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन पहुंचे हैं। रविवार को तिआनजिन में उनकी मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई, जहां दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की। सम्मेलन के दौरान सभी सदस्य देशों के नेताओं का औपचारिक ग्रुप फोटो सेशन भी आयोजित हुआ, जिसमें पीएम मोदी पहली कतार में नज़र आए। उनके साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मेजबान राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी खड़े थे। समिट से पहले जिनपिंग और उनकी पत्नी पेंग लियुआन ने अंतरराष्ट्रीय मेहमानों के स्वागत में एक भव्य रात्रिभोज का आयोजन किया। अब सोमवार, 1 सितंबर को एससीओ नेताओं की बैठक होगी, जिसके संयुक्त बयान पर पूरी दुनिया की नजरें रहेंगी। इसी दिन पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की अलग से मुलाकात भी तय है।

अब तक का सबसे बड़ा आयोजन
इस वर्ष का शिखर सम्मेलन 10 सदस्यीय समूह का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन माना जा रहा है। चीन ने इसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस समेत 20 विदेशी नेताओं और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को आमंत्रित किया है। यह बैठक आज एक विशेष रूप से बनाए गए सम्मेलन केंद्र में होगी, जहां 10 सदस्यीय समूह के नेता और आमंत्रित नेता संबोधन करेंगे।

इन अहम मुद्दों पर चर्चा
रविवार को विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक का ब्योरा साझा किया। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने आतंकवाद, व्यापार और आपसी सहयोग जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा विशेष रूप से उठाया और चीन से इसमें सहयोग की अपील की। जवाब में चीन ने भारत को पूरा समर्थन देने का भरोसा दिलाया।

उड़ाने होंगी बहाल
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें जल्द ही फिर से शुरू हो सकती हैं। उनका कहना है कि इस साल की शुरुआत में हुई उच्च स्तरीय सहमति के बाद दोनों देशों के बीच लगातार बातचीत आगे बढ़ी है। बीजिंग में भारतीय नागरिक उड्डयन प्रतिनिधिमंडल की हालिया यात्रा से इस दिशा में ठोस प्रगति हुई है और अब उड़ानों की बहाली को लेकर सहमति बन चुकी है। फिलहाल कुछ तकनीकी और संचालन संबंधी मुद्दों पर काम जारी है, जिन्हें आने वाले हफ्तों में हल कर लिया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपनी टिप्पणी में फ्लाइट्स की बहाली का जिक्र किया।

कई स्तरों पर चल रही बातचीत
भारत-चीन व्यापार घाटे पर पूछे गए सवाल के जवाब में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने स्वीकार किया कि यह घाटा काफी बड़ा है और लंबे समय से बना हुआ है। उन्होंने बताया कि इस विषय पर वर्षों से बातचीत जारी है। हाल ही में जब चीनी विदेश मंत्री वांग यी दिल्ली आए थे तो उनकी विदेश मंत्री एस. जयशंकर से हुई मुलाकात में भी यह मुद्दा उठाया गया था। मिसरी ने कहा कि व्यापार और घाटे को दोनों देशों के व्यापक रणनीतिक संबंधों की दृष्टि से देखना आवश्यक है। उनका मानना है कि यदि व्यापार में बढ़ोतरी हो और घाटा घटे, तो द्विपक्षीय संबंधों की छवि भी बेहतर होगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस विषय पर सरकारों, कारोबारी जगत और संबंधित संस्थाओं के बीच कई स्तरों पर बातचीत चल रही है और इसका परिणाम इस प्रक्रिया की प्रगति पर निर्भर करेगा।

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