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विदेश मंत्रालय ने ‘वंदे भारत मिशन’ पर दी सफाई कहा- सभी भारतीय के लिए है यह योजना

नई दिल्ली: देशभर में लॉकडाउन चलते देश के कोने-कोने में लोग फंस हुऐ हैं। ऐसो लोगों की मदद करने लिए वंदे भारत मिशन योजना चलाई गई है। इसके तहत अन्य राज्यों में फसे लोगों को उनके निवास तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन इस बीच पश्चिम बंगाल के एक मंत्री ने आरोप लगाया है कि यह पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव किया जा रहा है। अब इस पर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को सफाई दी है। मंत्रालय की तरफ से जारी किए बयान में कहा गया है कि वंदे भारत मिशन किसी भी राज्य में भेदभाव पैदा नहीं करती है। यह योजना देश-विदेश में फंसे सभी भारतीय के लिए है। 

विदेश मंत्रालाय के प्रवक्ता श्रीवास्तव ने ट्विटर करते हुए लिखा कि MEA राज्यों के बीच भेदभाव नहीं करता है। भारत सरकार का वंदे भारत मिशन पश्चिम बंगाल के सभी फंसे हुए भारतीयों के लिए है। इनमें से 3700 ने दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फसे लोगों को ने पंजीकरण कराया है। बता दें पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी द्वारा वंदे भारत मिशन पर सवाल उठाए थे। उसके जवाब ने प्रवक्ता ने यह जवाब दिया। वंदे भारत मिशन के तहत विभिन्न लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण भारत में 7 मई से विदेश में फंसे अपने नागरिकों के भारत लाया जा रहा है। 

बता दें कि देश इस वक्त बेहद ही नाजुक स्थिति से गुजर रहा है। इस वक्त भारत में कोरोना वायरस लॉकडाउन का चरण तीसरा लागू है। 17 मई तक यह लॉकडाउन लागू है। चीन के वुहान से फैले इस वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है। ऐसे में सभी लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर भी दे रहे हैं। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि 200 से ज्यादा देश इस वायरस से जूझ रहा है। 

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