यूपी विधानसभा का मानसून सत्र : सरकार ने विपक्ष से मांगा सहयोग, हंगामे पर जताई नाराजगी

लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। पहला दिन हंगामे से भरपूर रहा, जिसके चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी। मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मीडिया से बातचीत में विपक्ष से सहयोग की अपील की।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी सिर्फ अध्यक्ष या सरकार की नहीं, बल्कि सभी सदस्यों की है। उन्होंने कहा कि बहुत महत्वपूर्ण विषय थे जिन पर चर्चा हो सकती थी। मैंने प्रतिपक्ष के सदस्यों से कई बार कहा कि आप अपनी बात रखिए। उन्होंने स्कूल मर्जर, बाढ़ और बिजली की समस्या उठाई, तो मैंने उन्हें पूरा अवसर देने की बात कही।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार चाहती है कि सदन सुचारू रूप से चले। अगर विपक्ष के पास सवाल हैं तो वे सदन में उठाएं, सरकार उसका जवाब देगी। हम हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार हैं। लेकिन अगर विपक्ष चर्चा में हिस्सा ही नहीं लेना चाहता और भागना चाहता है, तो उसका इलाज सरकार नहीं कर सकती।
फतेहपुर में मकबरा-मंदिर विवाद को लेकर सवाल किए जाने पर मौर्य ने कहा कि मामले में मुकदमा दर्ज हो चुका है, जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। दिल्ली में सोमवार को चुनाव आयोग तक विपक्ष के मार्च पर उन्होंने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में यह होड़ लगी है कि राहुल गांधी आगे हैं या अखिलेश यादव, या फिर कोई और विपक्षी नेता। चुनाव आयोग ने इंडी गठबंधन के 30 नेताओं को बुलाया था अपनी बात कहने के लिए, लेकिन सड़क छाप प्रदर्शन की तरह संसद के 300 सदस्य प्रदर्शन करने लगे। यह लोकतंत्र की मर्यादा को तार-तार करता है। सपा, कांग्रेस और इंडी गठबंधन मिलकर संविधान और लोकतंत्र की हत्या करना चाहते हैं, संवैधानिक संस्थाओं को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।