गृहकर के टॉप 100 बकाएदारों के नाम अब होंगे सार्वजनिक, बकाया न देने वालों से ब्याज के साथ वसूली
यूपी : यूपी के शहरों में गृहकर के टॉप 100 बकाएदारों के नाम अब सार्वजनिक किए जाएंगे। इसका मकसद उन्हें गृहकर जमा करने के लिए प्रेरित करना है। स्थानीय निकाय निदेशालय इस संबंध में जल्द ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा।
शहरी क्षेत्रों में रहने वालों से सुविधाओं के एवज में गृहकर की वसूली की व्यवस्था है। इसके बाद भी बड़े बकाएदार जुगाड़ के सहारे गृहकर देने से बचते हैं। स्थानीय निकाय निदेशालय के एक अधिकारी के मुताबिक हर साल निकायों को आवासीय और अनावासीय कर वसूली के लिए लक्ष्य दिया जाता है, लेकिन सौ फीसदी कभी भी वसूली नहीं हो पाती है। जवाब-तलब किए जाने के बाद तरह-तरह के तर्क दिए जाते हैं। इसीलिए उच्च स्तर पर सहमति बनी है कि सभी बकाएदारों की सूची तैयार कराई जाए और इनमें से टॉप 100 की सूची सार्वजनिक की जाए।
निकायों में 31 मार्च तक अभियान चलाकर आवासीय और अनवासीय संपत्तियों से कर की वसूली की जाएगी। सालों के जिनका गृहकर बाकी है उनसे ब्याज के साथ वसूली की जाएगी। नगर निगम और पालिका परिषद अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार पर बड़े बकाएदारों की चल व अचल संपत्तियों की कुर्की भी की जा सकती है। राज्य सरकार निकायों को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है, जिससे उन्हें विकास कार्य कराने के लिए शासन के आगे हाथ न फैलाना पड़े। इसके बाद भी निकाय के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही के चलते सौ फीसदी कर की वसूली नहीं हो पा रही है।
वित्तीय वर्ष 31 मार्च को समाप्त होने के बाद निदेशालय स्तर पर निकायवार कर वसूली की समीक्षा की जाएगी। इसमें यह देखा जाएगा किस जोन में लक्ष्य के मुताबिक सबसे कम वसूली हुई है। इसके लिए दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों को चिह्नित करते हुए उनके जवाब-तलब किया जाएगा, स्पष्ट जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इसमें उन्हें महत्वपूर्ण कामों से हटाकर दूसरे कामों में लगाने पर भी विचार किया जा सकता है।