नई दिल्ली : दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की समस्या पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सख्त रुख अपनाया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने दिल्ली सरकार (Delhi Government) से कहा है कि वह अधिक प्रदूषित स्थानों (हॉटस्पॉट) पर खराब वायु गुणवत्ता के कारणों का हल खोजने के लिए एक समयसीमा तय करे। साथ ही आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार से ‘लैंडफिल’ के लिए वैकल्पिक जगहों के बारे में भी सवाल किया। मानवाधिकार आयोग ने पिछली बैठक में दिए गए निर्देशों के आधार पर मिली रिपोर्टों के आलोक में तीसरी सुनवाई की। इसमें पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिव शामिल रहे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक मानवाधिकार आयोग की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आयोग ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह हॉटस्पॉट में खराब वायु गुणवत्ता के कारणों का हल निकालने के लिए एक समयसीमा तय करे। आयोग ने यह भी पूछा है कि दिल्ली सरकार बताए कि यह कब तक सामान्य होगा। आयोग ने यह भी जानना चाहा कि कचरा फेंकने और स्वच्छता को लेकर वैकल्पिक लैंडफिल स्थानों की क्या व्यवस्था की गई है। आयोग ने मामले में रिपोर्ट तलब करते हुए अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तारीख तय की है।
वहीं एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक आयोग ने पराली, धूल, सीवेज कचरे में अस्पताल के प्रबंधन द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के संबंध में राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए कुछ कदमों पर गौर किया। आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि उनके बीच के अंतर को दूर करने के लिए एक रणनीतिक योजना की जरूरी है। नागरिकों के जीवन और स्वास्थ्य के अधिकार की सुरक्षा सुनश्चिति करने वाली बेहतर नागरिक सुविधाओं के साथ स्वच्छ हवा और वातावरण प्रदान करने के लिए नीतियां और उनका कार्यान्वयन जरूरी है।
आयोग ने कहा कि पंजाब सरकार को पराली की कटाई और निपटान के लिए गरीब किसानों के लिए समर्पित मशीनें रखनी होंगी। मालूम हो कि दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में सुबह नौ बजे वाणु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 275 दर्ज किया गया। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को इस मौसम की सबसे सर्द सुबह दर्ज की गई। न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस कम है।