अचानक से बढ़ सकती है कोरोना मरीजों की संख्या, मृत्युदर को नीचे लाना सरकार की प्राथमिकता
नई दिल्ली: कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण के बाद मरीजों का बेहतर इलाज और मृत्युदर को कम करना सरकार की पहली प्राथमिकता बन गई है। फिलहाल हर दिन कोरोना के तीन हजार से अधिक नए मरीज सामने आ रहे हैं और लॉकडाउन-तीन में मिली छूट का असर अगले हफ्ते सामने आने के बाद हर दिन नए मरीजों की संख्या और ज्यादा होना तय माना जा रहा है। कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या पहले ही 56 हजार के पार कर चुकी है और अगले पांच दिन में 75 हजार से अधिक हो सकती है।
कोरोना के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही, लेकिन हर तीसरा मरीज ठीक भी हो रहा
देश में कोरोना के मरीजों की संख्या भले ही तेजी से बढ़ रही हो, लेकिन अच्छी बात यह है कि हर तीसरा मरीज स्वस्थ्य होकर घर भी जा रहा है। जहां कोरोना से स्वस्थ्य होने वाले मरीज 29.36 प्रतिशत है, वहीं इससे मरने वाले मरीज 3.2 प्रतिशत ही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि वैसे तो दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में भारत में मरने वालों की मरीजों का प्रतिशत बहुत ही कम है, लेकिन इसे और भी बेहतर किया जा सकता है।
केवल नौ फीसदी मरीजों को अस्पताल में विशेष इलाज की जरूरत पड़ रही है
अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती मरीजों का आंकड़ा देते हुए लव अग्रवाल ने कहा कि भारत में कुल मरीजों में महज 1.1 फीसदी मरीज ही वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत पड़ रही है। 3.2 फीसदी मरीजों को आक्सीजन और 4.7 फीसदी मरीजों को आइसीयू में रखना पड़ता है। यानी केवल नौ फीसदी मरीजों को अस्पताल में विशेष इलाज की जरूरत पड़ रही है। बाकी 91 फीसदी मरीज सामान्य इलाज से ही स्वस्थ्य हो रहे हैं। जबकि दुनिया भर में औसतन 20 फीसदी मरीजों को अस्पताल में विशेष इलाज की जरूरत पड़ती है।
मृत्युदर को नीचे लाना सरकार की पहली प्राथमिकता है
लव अग्रवाल ने कहा कि वेंटिलेटर, आक्सीजन, पीपीई, एन-95 मास्क जैसे उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता के साथ अब हम मरीजों की बेहतर देखभाल के लिए तैयार हैं और मृत्युदर को नीचे लाना सरकार की पहली प्राथमिकता है।