कर्ज नहीं चुकाने पर मालिक ने 16 मजदूरों को बनाया बंदी, मारपीट में गर्भवती पीड़िता ने खोया बच्चा
बेंगलुरु : कर्नाटक में मजदूरों को बंदी बनाकर रखने और उनके साथ मारपीट करने का एक अनोखा मामला सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक, यहां के चिक्कमगलुरु में एक कॉफी बागान के मालिक ने दलित समुदाय के मजदूरी करने वाले 16 लोगों को काफी दिनों से बंदी बनाकर रखा हुआ था। इतना ही नहीं बागान मालिक और उसका बेटा बंदी बनाए गए लोगों के साथ मारपीट भी करता था। पुलिस के मुताबिक आरोपी का नाम जगदीश गौड़ा है और वह भाजपा का समर्थक बताया जा रहा है।
कॉफी एस्टेट के मालिक जगदीश गौड़ा और उनके बेटे तिलक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिन्होंने कथित तौर पर 14 महिला दलित मजदूरों को हुनसेहल्ली गांव में एक वित्तीय मुद्दे पर घर में नजरबंद रखा था। गौड़ा ने गर्भवती महिला से मारपीट भी की।
पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि जगदीश गौड़ा और उसके बेटे ने उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया। बंदी बनाए गए लोगों में एक गर्भवती महिला भी शामिल थी। आरोप है कि बागान मालिक द्वारा मारपीट के दौरान गर्भवती महिला ने अपना बच्चा खो दिया। फिलहाल महिला का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
फिलहाल इस मामले में पुलिस ने बागान मालिक जगदीश गौड़ा और उसके बेटे तिलक गौड़ा के खिलाफ सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है। दोनों आरोपी फिलहाल फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस दोनों की तलाश में जुटी हुई है। पुलिस ने बताया कि आरोपी पर दलित मजदूरों को 15 दिनों तक बंदी बनाए रखा। पूछताछ में सामने आया है कि बागान मालिक के नौ लाख रुपये मजदूरों पर बकाया थे, जो वे चुका नहीं रहे थे। इसी के कारण बागान मालिक ने उन लोगों को बंदी बना लिया था।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में आठ अक्तूबर को इस मामले में कुछ लोगों ने बालेहोन्नूर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि जगदीश गौड़ा उनके रिश्तेदारों को प्रताड़ित कर रहे हैं। हालांकि बाद में उन्होंने उस दिन शिकायत वापस ले ली। इसके अगले दिन गर्भवती पीड़िता को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया और एक नई शिकायत दर्ज कराई गई। इस मामले का एसपी ने भी संज्ञान लिया। जिसके बाद पुलिस ने मौके पर जाकर जांच भी की गई थी। वहीं, मामले का खुलासा होने के बाद राज्य भाजपा इकाई ने बयान जारी कर आरोपी से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया है।