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पुलवामा हमले में इस्तेमाल ईको कार के मालिक का पता चला, एनआईए की जांच पूरी

नई दिल्ली। पुलवामा हमले में आतंकियों की ओर से प्रयुक्त मारुति ईको कार के बारे में राष्ट्रीय जांच दल (एनआईए) को पूरी जानकारी मिल गई है। यहां तक कि इस गाड़ी के नम्बर का पता भी एनआईए को चल चुका है। इस गाड़ी के बारे में कहा गया है कि गाड़ी के मालिक से लेकर इस कार को जैश के लोग चला रहे थे। यहां तक कि कई बार स्थानीय लोगों ने इस कार में जैश के लोगों को देखा था। हालांकि इस गाड़ी का मालिक अभी गायब है।

एनआईए के प्रवक्ता की ओर से सोमवार को दी गई जानकारी के मुताबिक सोमवार को मिली उपरोक्त जानकारी के मुताबिक पुलवामा हमले को लेकर एनआईए की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। कुछ ही दिनों में एजेंसी इसके बारे में खुलासा भी करने वाली है। उक्त कार का चेचिस संख्या एमए-3ईआरएलएफ-1एसओओ183735 व इंजिन संख्या जी-12बीएन-164140 है। कार को 2011 के दौरान मोहम्मद जलील अहमद हकानी को बेचा गया था। जलील अनंतनाग के हैवन कालनी का रहने वाला है। फिर इस कार को सात बार अन्य लोगों के नाम से ट्रांसफर किया गया। इसे अनंतनाग जिले के बिजबेहारा निवासी सजाद भट पिता मोहम्मद मकबूल भट ने 4 फरवरी 2019 को खरीदा। वह शोपियां जिले सिराज-उल-उलूम का छात्र है।

एनआईए ने पिछले 23 फरवरी को जम्मू-कश्मीर पुलिस की सहायता से उसके यहां छापेमारी भी की थी। हालांकि वह वहां पर नहीं था और उसके बाद से वह गायब है। जानकारी के मुताबिक वह जैश में शामिल हो चुका है। सोशल मीडिया में हथियार के साथ उसका फोटोग्राफ भी पोस्ट किया गया है। उल्लेखनीय है कि हमले में प्रयुक्त विस्फोटक को लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इस बारे में पहले कहा गया था कि इसमें नाईट्रेट का प्रयोग किया गया लेकिन बाद में जानकारी मिली कि इसमें 25-30 किलोग्राम आरडीएक्स का भी प्रयोग किया गया था। इस मामले में ऐसी खबर भी आ रही थी कि तीन चार दिनों में इस कार को आत्मघाती हमले के लिए तैयार किया था। पूरी तैयारी घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर स्थित एक स्कूल में की गई थी ज्ञातव्य है कि कश्मीर में स्कूली बच्चे पत्थरबाजी में मशगूल हैं और आतंकी संगठनों ने घाटी में सरकारी स्कूलों को बंद करवा दिया है।

ऐसे भी आए दिन राज्य में अलगाववादियों की ओर घोषित बंद के कारण भी वहां के स्कूल बंद ही रहते हैं। जबकि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे सड़क पर सुरक्षा बलों पर पत्थर फ़ेकते रहते हैं।

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