बच्चों को कुरकुरे खिलाने वाले पैरेंट्स सावधान, ऐसे चली गई एक मासूम जान !
इसमें कोई शक नहीं कि आज के जमाने में बच्चो को घर के खाने से ज्यादा बाहर का खाना पसंद आता है. जी हां जैसे कि चिप्स, बर्गर या कुरकुरे आदि चीजे बच्चो को ज्यादा अच्छी लगती है. वही अगर छोटे बच्चो की बात करे तो उन्हें चिप्स और कुरकुरे खाना ही ज्यादा पसंद होता है. हालांकि ये पौष्टिक तो नहीं होते, लेकिन टेस्टी जरूर होते है. मगर यदि हम आपसे कहे कि इन चीजों की वजह से बच्चो की जान भी जा सकती है, तो क्या आप मानेगे. जी हां यक़ीनन ये सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लग रहा होगा, लेकिन ये सच है. आपको जान कर ताज्जुब होगा कि केवल एक कुरकुरे की वजह से एक मासूम से बच्चे की जान चली गई.
दरअसल यह अजीबोगरीब घटना प्रतापगढ़ के एक शहरी इलाके महुली वार्ड की है. इस इलाके में सलीम नाम का एक शख्स अपने पूरे परिवार के साथ हंसी ख़ुशी रहता था, सलीम का तेरह महीने का छोटा बेटा सोनू था. मगर अफ़सोस कि सलीम के घर की खुशियां ज्यादा दिन तक कायम नहीं रह सकी. वो इसलिए क्यूकि एक दिन सलीम का तेरह महीने का बेटा बिस्तर पर आराम से बैठ कर कुरकुरे खा रहा था. इसी दौरान कुरकुरे का एक टुकड़ा उसके गले में फंस गया. जिसके चलते वह मासूम तड़पने लगा. ऐसे
पिता सलीम की नजर उस पर पड़ गई और सलीम अपने बेटे सोनू की हालत को समझ गया. सलीम ने अपने बेटे के गले से कुरकुरा निकालने की बहुत कोशिश की. उसने चिल्ला कर सभी घरवालों को भी वहां बुला लिया था. मगर अफ़सोस कि घर वालो की लाख कोशिशों के बाद भी टुकड़ा तस से मस नहीं हुआ. दरअसल वो टुकड़ा न तो अंदर जा रहा था और न बाहर निकल रहा था. ऐसे में सोनू को साँस लेने में तकलीफ होने लगी, घरवाले उसे अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन अफ़सोस कि रास्ते में ही बच्चे की सांसे थम चुकी थी.
बेटे सोनू के जन्म से पहले ही उसके पिता सलीम नौकरी करने के लिए एक खाड़ी देश यानि सऊदी अरब चले गए थे और वहां एक ड्राइवर की नौकरी करते थे. वहां सलीम की अच्छी खासी कमाई हो जाती थी. जिसके जरिये वो अपने परिवार की खुशियों को भी पूरा कर पाता था. हालांकि दो महीने पहले ही सलीम छुट्टी लेकर घर वापिस आया था. मगर अफ़सोस कि इस एक घटना ने सलीम के घर की सारी खुशियां ही छीन ली. हालांकि सलीम के दो बेटे है. इनमे से बड़े बेटे का नाम सलमान है और छोटा बेटा सोनू जो सबका लाडला था.
इस घटना के बाद हम तो यही कहेगे कि बच्चो को लाड प्यार करना जरुरी है, लेकिन साथ ही सावधानी बरतना भी उतना ही जरुरी है. इसलिए गलती से भी इतने छोटे बच्चे को कभी कोई ऐसी चीज न दे, जो उसके गले में अटक जाए और उसकी मौत का कारण बन जाए.