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देशभक्ति करिकुलम भारत की प्रगति यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा: केजरीवाल

नई दिल्ली: शहीद भगत सिंह की जयंती के मौके पर राजधानी दिल्ली में केजरीवाल सरकार द्वारा देशभक्ति पाठ्यक्रम का शुभांरभ किया गया है। इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा, देशभक्ति करिकुलम भारत की प्रगति यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा, जो बच्चों में कम उम्र से ही देशभक्ति की भावना जगाएगा, जिससे वे सच्चे देशभक्त बनेंगे जो नौकरियों में अपने देश के प्रति सच्चे रहेंगे।

केजरीवाल ने दिल्ली के सरकारी स्कूल के सैकड़ों शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति में छत्रसाल स्टेडियम में देशभक्ति पाठ्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा, इस पाठ्यक्रम के साथ, हम ना केवल डॉक्टर, इंजीनियर, वकील और अन्य पेशेवर तैयार करेंगे, बल्कि हम एक देशभक्त डॉक्टर, एक देशभक्त इंजीनियर और एक देशभक्त वकील तैयार करेंगे, जो अपने देश को सबसे पहले रखेंगे। वे अब मनी फैक्टर से प्रेरित नहीं होंगे। इसके बजाय, वे वही करेंगे जो उनके देश और देशवासियों के लिए सबसे अच्छा है।

नए पाठ्यक्रम की व्याख्या करते हुए दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, हम इस पाठ्यक्रम को एक वर्ष में 100 स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियों के साथ शुरू कर रहे हैं। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होगा, वह लगभग 700- 800 ऐसे लोग, जिन्होंने अपने देश और अपने साथी देशवासियों के लिए उल्लेखनीय काम किया। इसके अलावा, 45 मिनट की कक्षा के पांच मिनट देशभक्ति ध्यान के लिए समर्पित होंगे, जिसके दौरान छात्र दैनिक आधार पर किसी भी पांच स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में विचार करेंगे।

इस महीने की शुरूआत में, सिसोदिया ने कहा था, देशभक्ति केवल देश के प्रतीकों का सम्मान करने तक ही सीमित नहीं है, इसका मतलब अपने लोगों का भी सम्मान करना है। हम अपने बच्चों में इस भावना को पैदा करना चाहते हैं। यह पाठ्यक्रम सीमित राष्ट्रवाद तक सीमित नहीं होगा, यह अपनेपन की भावना के महत्व पर जोर देगा।

हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे, हमारे नागरिक यह समझें कि यदि कोई व्यक्ति नवरात्रि के मौसम में फलों की जमाखोरी कर रहा है या मिलावटी दूध से बनी मिठाई बेच रहा है, तो यह राष्ट्र के लिए एक अपकार है, क्योंकि कोई जनता को धोखा नहीं दे सकता है और फिर भी खुद को देशभक्त कह सकता है। अगर हम एक देश में एक साथ रह रहे हैं, तो हमें इसके संसाधनों को समान रूप से साझा करना होगा और इसके समग्र विकास की दिशा में काम करना होगा।

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