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फ्रांस व जर्मनी की शक्तियां कमजोर हुईं, EU के शीर्ष पदों पर उम्मीदवारी को लेकर बढ़ी संघ की टेंशन

नई दिल्ली: यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के नेताओं के बीच संघ के शीर्ष पदों पर उम्मीदवारों को लेकर सोमवार को अंतिम सहमति नहीं बनी हालांकि कई नेताओं ने संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेन के काम की सराहना की और प्रतीत होता है कि वह इस महीने के अंत में एक बार फिर से अपने पद पर काबिज हो सकती हैं। यूरोपीय संघ परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने ब्रसेल्स में अनौपचारिक रात्रिभोज की अध्यक्षता के बाद कहा, ”अब तक आम सहमति नहीं बनी है।”

यूरोपीय संघ के एक अधिकारी ने कहा कि नेता ब्लॉक के कुछ प्रमुख पदों को भरने के करीब पहुंच रहे हैं।अधिकारी ने कहा कि डच समाजवादी फ्रैंस टिमरमैन यूरोपीय आयोग के प्रमुख के रूप में जीन-क्लाउड जंकर का स्थान लेने के लिए प्रमुख स्थिति में हैं।वार्ता में शामिल उच्च पदस्थ राजनयिक ने कहा कि क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स बुल्गारिया की क्रिस्टालिना जॉर्जीवा को डोनाल्ड टस्क के बाद यूरोपीय परिषद के प्रमुख के रूप में नियुक्त करेंगे, जो सदस्य देशों की नीतियों का समन्वय करती है और शिखर सम्मेलनों का आयोजन करती है।अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बात की क्योंकि 28 नेता अभी तक औपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए फिर से नहीं आए हैं, जहां उन्हें पदों की पुष्टि करनी चाहिए।

संघ के 27 सदस्यीय देश हालिया यूरोपीय चुनावों में हुई उठापठक को लेकर चिंतित हैं और वे यह सोच रहे हैं कि इन नतीजों के साथ किस तरह से शीर्ष पदों के लिए उम्मीदवारों को नामांकित करें। मिशेल ने 27 और 28 जून को होने वाली संघ अध्यक्षों और प्रधानमंत्रियों की अगली बैठक के संदर्भ में कहा, ”अगली यूरोपीय परिषद को तैयार करने की दिशा में आज (मंगलवार) हुआ यह संवाद एक उपयोगी कदम हैं।” मिशेल ने वॉन डेर लेन और अन्य उम्मीदवारों की संभावनाओं पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा, ”अगले सप्ताह सब स्पष्ट हो जाएगा।”

छह से नौ जून को हुए चुनावों में यूरोपीय संसद में ज्यादातर दक्षिणपंथी पार्टियों ने जीत हासिल की और फ्रांस व जर्मनी में सत्तारूढ़ सरकारों को जोरदार झटका दिया। यूरोपीय संघ की राजनीति को दिशा देने वाले फ्रांस और जर्मनी की शक्तियां कमजोर हुई हैं और धुर दक्षिणपंथी दलों ने जमीनी ताकत हासिल की। यूरोपीय संघ के जटिल शक्तियों के बंटवारे के तहत नेता आयोग के लिए अगले अध्यक्ष को नामांकित करते हैं, जो जलवायु से लेकर साझा बजट तक सभी मुद्दों पर संघ की नीतियों का खाका तैयार करने के लिए जिम्मेदार होता है।

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