एक सेल्फी की कीमत मौत! वॉर्निंग के बाद भी नहीं माने, फोटो के चक्करे में चली गई जान

साबरकांठा: गुजरात (Gujrat) में मानसून (Monsoon) की एंट्री के साथ ही मौसम सुहाना हो गया है. जगह-जगह बारिश (Rain) हो रही है, नदियां, झीलें और बांध लबालब हो गए हैं. ऐसे मौसम में लोग घरों से बाहर निकलकर घूमने और कुदरती नजारों का मजा लेने लगे हैं. परिवार के साथ पिकनिक, दोस्तों के साथ ट्रिप और सोशल मीडिया के लिए रील्स और सेल्फी लेना आजकल हर किसी का फेवरेट शौक बन गया है. लेकिन इसी शौक ने दो युवकों की जान ले ली.
साबरकांठा जिले में दो अलग-अलग जगहों पर सेल्फी लेते वक्त दो युवक हादसे का शिकार हो गए. पहली घटना सप्तेश्वर साबरमती नदी (Sapteshwar Sabarmati River) की है. यहां एक युवक सेल्फी लेते हुए फिसल गया और नदी की तेज धार में बह गया. दूसरी घटना विजयनगर के कनादर झरने (Kanadar Waterfalls) की है, जहां एक और युवक झरने के पास सेल्फी ले रहा था और अचानक उसका पैर फिसल गया, जिससे उसकी जान चली गई.
बारिश के चलते सप्तेश्वर की साबरमती नदी इन दिनों दो दिशाओं में बह रही है. प्रशासन की ओर से लोगों को बार-बार चेतावनी दी जा रही है कि नदी किनारे ना जाएं, लेकिन लोग तस्वीरें खींचने और रील्स बनाने के लिए खतरे को नजरअंदाज कर रहे हैं. रविवार को ऐसी ही लापरवाही में मेहसाणा के एक युवक की जान चली गई.
मरने वाला युवक मेहसाणा जिले के जोटाणा तालुका के कटोसन गांव का रहने वाला था. उसका नाम नीलेश परमार था और उम्र करीब 30 साल थी. जैसे ही वह नदी में गिरा, उसकी तलाश शुरू हो गई. हिम्मतनगर, इदर और बीजापुर की फायर ब्रिगेड टीम, एसडीआरएफ और कुल 40 से ज्यादा जवान उसकी तलाश में जुटे रहे. करीब 12 घंटे की लगातार कोशिशों के बाद नीलेश का शव बरामद किया गया.
दूसरी घटना विजयनगर के कनादर झरने की है. यहां भी एक युवक झरने की खूबसूरती के बीच सेल्फी लेने पहुंचा था. लेकिन सेल्फी लेते वक्त उसका पैर फिसल गया और वह पानी में गिर गया. हादसे की जानकारी मिलते ही फायर ब्रिगेड और पुलिस मौके पर पहुंची और युवक की तलाश शुरू कर दी गई है. अभी उसका शव नहीं मिला है.