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जितने का आलू नहीं, उससे अधिक लग रहा भाड़ा, सब्जियों के राजा का कोई भाव

कन्नौज: आलू किसानों के लिए साल की शरुआत खराब साबित हो रही है। जो पुराना आलू कन्नौज से कानपुर मंडी जा रहा था, उसका अब कोई भाव नहीं मिल रहा है। चार-पांच दिन पहले जो आलू पहुंचा, उसे आढ़तों पर कोई लेने को तैयार नहीं है। गाड़ियां लगी हुई हैं। दूसरे राज्यों से आलू की नई फसल आने लगी है। इसलिए पुराने आलू की कीमत औंधे मुंह गिर गई है। दिवाली के समय आलू महंगा था, तो निकासी भी खूब हुई। उस दैरान बाजार में आलू की डिमांड ज्यादा थी तो कीमत मिल रही थी। अब पूछ कम हो गई है। इसका खामियाजा यहां के आलू उत्पादकों को उठाना पड़ रहा है।

दरअसल, कन्नौज जिले में आलू उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। जिले भर में करीब 50 हजार हेक्टेयर जमीन पर आलू की फसल होती है। अब नया आलू बाजार में खूब आ गया है, इसलिए भी पुराने आलू का रेट माटी के मोल हो गया है। कोल्ड स्टोरेज में रखा आलू का रेट अब 100 रुपए से 200 रुपए पैकेट (50-55 किलो) है। इतना ही नहीं, कोल्डस्टोरेज में आलू सुरक्षित रखने के लिए 135 रुपए पैकेट भाड़ा भी है। किसानों का कहना है कि जितने का आलू नहीं है, उससे अधिक तो भाड़ा लग रहा है। ज्यादा रेट मिलने की चाहत में व्यापारियों व बड़े किसानों ने अपना आलू नहीं निकाला। अब वह कोल्ड स्टोरेज के बाहर निकालकर फेका जाने भी लगा है। दूसरी ओर उद्यान विभाग का तर्क है कि कोल्ड स्टोरेज में आलू नहीं बचा है।

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