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सर्दी में बढ़ जाती है रूखी त्वचा की समस्‍या, बचाव में बेहद काम आएंगे ये उपाय

नई दिल्‍ली : सर्दी के मौसम (winter season) की एक आम समस्या है रूखी त्वचा. स्किन में इस कदर रूखापन हो जाता है कि ध्यान ना दिया जाए तो स्किन सेल्स डेड (skin cells dead) होकर झड़ने लगती है और त्वचा एकदम सफेद नजर आने लगती है. ऐसा कई कारणों से होता है. जैसे, त्वचा में सीबम का कम बनना, ठंडी हवा द्वारा त्वचा की नमी को सोख लेना, गर्म पानी में नहाना, स्नान के बाद त्वचा पर तेल या लोशन ना लगाना. यानी स्किन के ड्राई होने के कई कारण हैं.

सर्दी के मौसम में लगभग सभी लोग गुनगुने पानी से नहाते हैं, जो मौसम के कारण होने वाली ड्राइनेस को और अधिक बढ़ाता है. इस समस्या से बचने के लिए आप गुनगुने पानी की बाल्टी में एक से डेढ़ कप सेब का सिरका (Apple Cide Vinegar) मिला लें. यदि आप बाथ टब में स्नान कर रहे हैं तो दो से तीन कप सिरका मिला और फिर स्नान करें.

सिरका युक्त पानी से स्नान करने के बाद आपको दोबारा सामान्य पानी से स्नान करने की जरूरत नहीं होती है. हो सके तो स्नान के बाद त्वचा को पोंछे नहीं बल्कि सूखने दें और हल्का सूखने पर ही त्वचा पर लोशन या ऑइल लगाना शुरू कर दें.

आप हर दिन स्नान के पानी में सेब के सिरके का उपयोग कर सकते हैं. यदि शरीर के किसी हिस्से में खुजली अधिक हो रही हो तो आप सेब के सिरके में रुई भिगोकर उस स्थान पर लगाएं और फिर 15 से 20 मिनट बाद धो लें. समस्या ज्यादा हो तो आप इसे 30 मिनट के लिए भी लगा सकते हैं.

सर्दी के मौसम में त्वचा पर लगाने के लिए सरसों का तेल सबसे अधिक उपयोगी होता है. चेहरे और गर्दन को छोड़कर आप पूरे शरीर पर इस तेल से मालिश करें. आपको 24 घंटे के अंदर जब भी समय मिले मालिश करें.

यह भी बेहतर रहेगा कि आप नहाने के बाद इस तेल को लोशन की तरह शरीर पर लगाएं और फिर कपड़े पहनें. इससे ठंड का असर भी दूर होगा और त्वचा को मॉइश्चर भी मिल जाएगा.

सरसों का तेल सर्दी के मौसम में त्वचा के लिए इसलिए अधिक उपयोगी होता है क्योंकि यह तेल त्वचा पर देर तक टिका रहता है. यदि आप रात को सोने से पहले इस तेल शरीर पर लोशन की तरह लगाकर हल्की मसाज करते हैं और फिर सोते हैं तो अगले दिन स्नान के बाद भी आपकी त्वचा रूखी नहीं होगी.

यही कारण है कि जब आप सर्दी के मौसम में हर दिन एक बार भी सरसों का तेल लगा लेते हैं तो पूरे दिन स्किन पर ड्राइनेस का असर नहीं होता. सरसों का तेल ऐंटिफंगल, ऐंटिबैक्टीरियल और ऐंटिइंफ्लामेट्री होती है. इसलिए खुजली, रैशेज, वुलन से एलर्जी और विंटर ऐक्ने जैसी समस्या से बचाता है.

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