सत्तारूढ़ भाजपा को वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 614.53 करोड़ रुपये का चंदा मिला
नई दिल्ली: सत्तारूढ़ भाजपा को वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान चंदे के रूप में 614.53 करोड़ रुपये मिले, जो विपक्षी कांग्रेस द्वारा जुटाई गई राशि के छह गुना से अधिक है. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस को इस अवधि में 95.46 करोड़ रुपये का चंदा मिला है.
आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को इस अवधि के दौरान चंदे के रूप में 43 लाख रुपये प्राप्त हुए, जबकि माकपा को 10.05 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई. माकपा की केरल में सरकार है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव मार्च-अप्रैल 2021 में हुए थे. केरल में भी विधानसभा चुनाव अप्रैल, 2021 में कराए गए थे.
चार राष्ट्रीय दलों ने हाल में निर्वाचन आयोग को प्राप्त चंदे की अपनी नवीनतम रिपोर्ट पेश की थी, जिसने दस्तावेजों को मंगलवार (29 नवंबर) को सार्वजनिक किया. आम आदमी पार्टी, जो दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है और तीन राज्यों में एक मान्यता प्राप्त क्षेत्रीय पार्टी है, ने चुनाव आयोग को सूचित किया है कि उसे वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान 44.54 करोड़ रुपये मिले.
इसने इस वर्ष अक्टूबर में आयोग को प्रस्तुत अपनी नवीनतम ऑडिट रिपोर्ट में 30.30 करोड़ रुपये का व्यय दिखाया है. दिल्ली और पंजाब के अलावा यह गोवा में एक मान्यता प्राप्त राज्य पार्टी है.
लोक अधिनियम यह निर्धारित करता है कि राजनीतिक पार्टियां व्यक्तिगत दाताओं और संस्थाओं से प्राप्त 20,000 से अधिक के योगदान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करती हैं. व्यक्तियों और संस्थाओं के अलावा चुनावी ट्रस्ट भी पार्टियों को चंदा देते हैं. प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट सहित इलेक्टोरल ट्रस्टों का भाजपा को चंदा देने में प्रमुख योगदान रहा है.
वित्त वर्ष 2021-22 में प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने विभिन्न राजनीतिक दलों को 464.81 करोड़ रुपये का चंदा दिया. इसमें से सर्वाधिक 336.5 करोड़ रुपये का चंदा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिला.
निर्वाचन आयोग को सौंपी गई योगदान रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में ट्रस्ट को कॉरपोरेट घरानों सहित विभिन्न स्रोतों से 464.83 करोड़ रुपये प्राप्त हुए और उसने 464.81 करोड़ रुपये दान किए.
प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को सबसे अमीर चुनावी ट्रस्ट में से एक माना जाता है. साल 2021-22 में उसने भाजपा को 26 किस्तों में कुल 336.5 करोड़ रुपये का चंदा दिया था.