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राजस्थान में आग उगलती गर्मी ने ली 5 लोगों की जान

नई दिल्ली : राजस्थान में निदेशक (जन स्वास्थ्य) डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने गुरुवार को बताया कि लू से अब तक पांच लोगों की मौत हुई है। डा माथुर ने कहा कि विभिन्न मीडिया माध्यमों में लू से मौतों की जो संख्या प्रकाशित या प्रसारित की जा रही हैं, वे तथ्य से परे हैं क्योंकि लू से होने वाली मौतों के प्रमाणिक आंकड़े चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा ही जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लू को लेकर समुचित प्रबंध सुनिश्चित किए जा रहे हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने लू को लेकर मार्च माह से ही तैयारियां प्रारम्भ कर दी थी, इसके चलते राजस्थान में लू की प्रबलता के बावजूद स्थितियां पूरी तरह नियंत्रण में है।

उन्होंने कहा कि यह आंकडे़ केन्द्र सरकार के प्रोटोकॉल के अनुसार डेथ ऑडिट कमेटी द्वारा मौत के कारणों की जांच कर जारी किए जाते हैं। उन्होंने कहा है कि डेथ ऑडिट कमेटी हीट स्ट्रोक से संदिग्ध मौतों की जांच केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित पैरामीटर्स के अनुसार करती है। इन पैरामीटर्स के अनुसार यदि कोई मौत तापघात से पाई जाती है तो उसे प्रमाणित कर उसकी रिपोटर् आईएचआईपी पोटर्ल पर प्रेषित की जाती है। आईएचआईपी पोटर्ल पर जारी आंकडे़ ही प्रमाणिक हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार तेज गर्मी के दौरान गंभीर बीमारियों एवं अन्य कारणों से भी मौतें हो जाती हैं।

प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें तापघात से होना नहीं माना जा सकता। डॉ. माथुर ने कहा कि लू से होने वाली मौतों को लेकर आमजन भयभीत एवं भ्रमित नहीं हों। प्रदेश में अब तक लू से पांच मौत हुई हैं। इस संबंध में विभाग द्वारा प्रतिदिन प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि लू से मौतों का होना दुखद है। प्रयास है कि प्रदेश में लू से जनहानि नहीं हो। विभाग लू को लेकर पूरी सतकर्ता और सजगता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहा है तथा हर स्थिति की मुख्यालय के साथ ही जिला स्तर से भी प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है।

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