नई दिल्ली : वास्तु शास्त्र में व्यक्ति के जीवन से जुड़े हर पहलू के बारे में बताया गया है, जिससे उसके तरक्की के रास्ते खुलते हैं. इन्हें में से एक घर के पर्जे. अगर सही स्थान पर सही रंग का उपयोग नहीं हुआ तो ये तरक्की के रास्ते में बाधा बन जाते हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार पर्दे का चयन करने से घर में पॉजिटिव ऊर्जा आती है. ये घर के लोगों के भाग्य को उदय करता है. तो आइये जानते हैं वास्तु के इनुसार, घर के दरवाजे, खिड़कियों में लगने वालें पर्दों के रंगों का सही चयन क्या होता है.
अगर घर में कलह होती रहती है और आपस में झगड़े होते हैं तो उत्तर दिशा में नीले रंग का पर्दा लगाना चाहिए. नीले रंग को समृद्धि और सुकून का प्रतीक माना जाता है. नीले रंग के पर्दे का इस्तेमाल बेडरूम, लिविंग रूम और स्टडी रूम करने से घर में शांति बनी रहती है.
लाल रंग का पर्दा हमेशा घर की दक्षिण दिशा में लगाना चाहिए. इससे आपसी प्रेम बढ़ता है. बेडरूम में कभी भी लाल रंग के पर्दे नहीं लगाने चाहिए. ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच तनाव पैदा होता है.
पूजा घर में पीले रंग के पर्दे लगाएं. इससे घर के सदस्यों के मन में भक्ति भावना पैदा होती है और वो आध्यात्म से जुड़ते हैं. पीला रंग ज्ञान, तपस्या, धैर्य और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है. इससे पूजा पाठ में मन लगता है, जिससे घर में शाति आती है.
करियर में मेहनत का फल नहीं मिल रहा हो तो घर के पश्चिम दिशा में सफेद रंग के पर्दे लगाने चाहिए. इससे भाग्य का साथ मिलने लगता है. सफेद रंग शांति का प्रतीक होता है. इससे एकाग्रता आती है. इस रंग के पर्दे उपयोग करने बच्चों का पढ़ाई में मन लगता है.
पर्दों के रंगों से जुड़े कुछ और वास्तु
- गुलाबी रंग का पर्दा लगाने से रिश्तों में मधुरता आती है
- बेडरूम में नारंगी, पिंक या नीले रंग के पर्दे प्रेम बढ़ाते हैं
- लिविंग रूम में काले रंग से परहेज करें इससे नकारात्मकता आती है
- कर्ज से परेशान हैं तो घर की उत्तर दिशा में नीले रंग के पर्दे लगाएं
- नौकरी और बिजनेस में असफल हैं तो पूर्व दिशा में हरे रंग के पर्दे लगाएं