पंजाब के स्कूल की कहानी, स्विमिंग पूल तो है लेकिन डेस्क नहीं, फर्श पर हो रही पढ़ाई
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दिल्ली मॉडल लागू करने की बात कह चुके हैं। लेकिन कुछ विद्यालयों में छात्र बुनियादी सुविधा मिलने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे ही हाल धोबियाना सरकारी स्कूल के हैं, जहां बच्चे मजबूर होकर जमीन पर बैठकर शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इसकी वजह है स्कूल में पर्याप्त डेस्क नहीं होना। खबर है कि हाल ही में सीए मान ने शिक्षा स्तर सुधारने के लिए शिक्षकों और प्राचार्यों के साथ बैठक भी की थी।
ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, धोबियाना सरकारी स्कूल का उद्घाटन राज्य के तत्कालीन वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने 7 जनवरी को किया था। विधायलय का निर्माण 1.25 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। इसमें केवल पूल बनाने में सरकार ने 35 लाख खर्च किए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा स्थिति में तो न ही पूल संचालित है और न ही स्कूल में पर्याप्त डेस्क हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिंसिपल मोनिका ने जानकारी दी कि स्कूल मं 170 डेस्क कम हैं और मोहाली हेड ऑफिस में 200 डेस्क के लिए अनुरोध किया गया है। उन्होंने समझाया, ‘स्कूल को प्राइमरी से सीनियर सेकेंडरी तक अपग्रेड किया जा रहा है, इस साल ज्यादा छात्रों का नामांकन किया गया था। जबकि, अभी तक हमारे पास कक्षा 8 तक के छात्र हैं।’
छात्रों को नीट की निशुल्क कोचिंग
शिक्षाविद् प्रोफेसर पीके गोसाईं का कहना है, ‘मुख्यमंत्री ट्रेनिंग के लिए शिक्षकों को विदेश भेजने की बात कर रहे हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि अधिकांश सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी है। सरकार को अपनी प्राथमिकताएं तय करनी चाहिए।’