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स्‍टडी में खुलासा, दिमाग पर ज्‍यादा लोड पड़ने से ठंडी हो जाती है नाक

नई दिल्‍ली। जब भी कड़ाके की ठंड पड़ती है तो हाथ, पैरों के अलावा नाक भी काफी ठंडी हो जाती है। ज्‍यादातर लोगों को ऐसा लगता है कि ठंड में उनकी नाक टेंपरेचर घटने और ज्‍यादा ठंड लगने से ठंडी हो जाती है। लेकिन हाल ही हुई एक स्‍टडी में खुलासा हुआ है सर्दियों में नाक ठंड की वजह से ठंडी नहीं होती है। नाक का तापमान ब्रेन के कार्य पर निर्भर क‍रता है कि ब्रेन कितनी मेहनत कर रहा है।

यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम के वैज्ञानिकों ने अपनी स्‍टडी में बताया कि उन्‍होंने 14 वॉलनटिअर्स के न्यूरॉलजिकल फंक्शन्स की जांच की। इस दौरान यह पता चला कि जब किसी व्‍यक्ति का दिमाग ज्‍यादा सक्रिय होता है या जरुरत से ज्‍यादा कार्य करता है तो उसकी नाक उतनी ही ठंडी हो जाती है।

बता दें, वैज्ञानिकों ने अपनी स्‍टडी में शामिल प्रतिभागियों के ब्रेन की जांच करने के लिए थर्मल इमेजिंग कैमरे का यूज किया। इस दौरान सभी प्रतिभागियों को अलग-अलग टास्‍क दिए गए। उसी समय उनकी नाक का तापमान मापा गया और पता चला कि इन दोनों के बीच गहरा संबंध है। यानी कि व्‍यक्ति का दिमाग जब ज्‍यादा कार्य करता है तो नाक का तापमान घट जाता है।

वैज्ञानिकों ने बताया कि ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि दिमाग को प्रेशर में काम करते वक्त ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसके लिए उसे खून के बहाव को चेहरे से न्यूरॉन्स की तरफ डायवर्ट करना होता है।

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