इंजीनियरिंग के प्रति युवाओं का रुझान कम, एक लाख 18 हजार सीटें रिक्त
भोपाल: मध्यप्रदेश में इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्रति युवाओं का रुझान कम हुआ है। इसके चलते वर्ष 2018 से 2022 के बीच प्रदेश के 27 इंजीनियरिंग कॉलेज बंद हो गए और एक लाख 18 हजार 439 सीटें खाली रह गई है।
भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया के सवाल के लिखित जवाब में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने यह जानकारी दी है। सिसोदिया ने पूछा था कि एक जनवरी 2018 के बाद प्रदेश के कितने इंजीनियरिंग कॉलेज , किन किन कारणों से बंद हो गए और प्रदेश में निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के शैक्षणिक स्तर को बढ़ाने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे है। जवाब में मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 27 इंजीनियरिंग कॉलेज 2018 के बाद बंद हो गए। 11 इंजीनियरिंग महाविद्यालय निजी विश्वविद्यालयों के रुप में स्थापित हुए है।
मंत्री ने बताया कि संस्थाओं के अनुरोध पर देश एवं प्रदेश के स्तर पर छात्रों की अन्य रोजगार में रुचि और व्यावसायिक पाठयक्रमों के प्रति रुझान कम होंने के कारण इंजीनियरिंग महाविद्यालय बंद हुए। निजी इंजीनियरिंग कॉलेंजों में शैक्षणिक स्तर के उन्नयन हेतु राज्य स्तरीय रैंकिंग फ्रेमवर्क तैयार किया गया है।
स्कूलों में पच्चीस साल से व्यायाम शिक्षकों की भर्ती नहीं
भोपाल। प्रदेश में व्यायाम शिक्षक के पदों पर वर्ष 1998 के बाद से ही नियुक्ति का प्रावधान नहीं है। इसके चलते व्यायाम शिक्षक उच्च वेतनमान के 37 और व्यायाम शिक्षक निम्न वेतनमान के 464 पद रिक्त पड़े हुए है। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने विधायक मेवाराम जाटव के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। जाटव ने पूछा था कि प्रदेश के शासकीय स्कूलों में व्यायाम शिक्षकों के कितने पद रिक्त है और कब से व्यायाम शिक्षकों की भर्ती नहीं की जा सकी है।
उन्होंने स्कूल शिक्षा मंत्री से व्यायाम शिक्षकों की भर्ती नहीं किए जाने का कारण पूछा था और यह भी पूछा थाा कि कब तक व्यायाम शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। और क्या व्यायाम शिक्षकों की भर्ती में ओवरएज हो चुके बीपीएड एवं एमपीएड डिग्रीधारी युवक युवतियों को निर्धारित आयु सीमा में छूट दी जाएगी। इसके जवाब में परमार ने बताया कि एक दिसंबर 2022 से भर्ती नियमों में संशोधन किया गया है वर्तमान में प्राथमिक शिक्षक खेल के पद पर नियुक्ति का प्रावधान है।