पंजाबराज्य

अमृतपाल सिंह को घर में छिपाकर रखने वाली महिला गिरफ्तार

नई दिल्ली: पंजाब पुलिस की पकड़ से बाहर खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. जानकारी मिली है कि 18 मार्च को फरार होने के बाद वो अगले दिन हरियाणा में था. यहां वो अपने एक करीबी के घर में रुका और अगली सुबह जल्दी वहां से निकल गया.

हरियाणा पुलिस ने बलजीत कौर नाम की महिला को गिरफ्तार किया है. उस पर कुरुक्षेत्र जिले में अपने घर में अमृतपाल को शरण देने का आरोप है. कौर ने बताया कि अमृतपाल अपने एक और साथ पापलप्रीत के साथ आया था. अमृतपाल 19 और 20 मार्च को कुरुक्षेत्र के शाहबाद में सिद्धार्थ कॉलोनी में रुका था. कौर से पूछताछ की जा रही है. वो उत्तराखंड में दाखिल होने की कोशिश कर सकता है.

कुरुक्षेत्र के एसपी सुरिंदर सिंह भोरिया ने कहा कि हमने बलजीत कौर नाम की महिला को पकड़ा है. उसने अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगी पापलप्रीत सिंह को शाहाबाद में अपने घर में रविवार को शरण दी. महिला को पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया है. महिला और अमृतपाल 2.5 साल से संपर्क में थे. जानकारी ये भी है कि अमृतपाल दिल्ली में दाखिल होकर फर्जी पासपोर्ट पर विदेश भागने या ट्रेन के माध्यम से बिहार-नेपाल बॉर्डर तक जाने का प्रयास कर सकता है. पंजाब पुलिस की सूचना के बाद दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों को अलर्ट किया गया है.

इसके साथ ही पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के गनमैन तेजिंदर सिंह गिल उर्फ गोरखा बाबा को भी अरेस्ट किया है. गिल लुधियाना जिले के खन्ना इलाके के मांगेवाल गांव का निवासी है. वो अमृतपाल की सुरक्षा में तैनात था. 18 मार्च को जब वारिस पंजाब दे चीफ अमृतपाल के खिलाफ पंजाब पुलिस ने ऑपरेशन शुरू किया, तभी से गिल फरार था.

वो सोशल मीडिया पर हथियारों की फोटोज और वीडियो पोस्ट करता था, जबकि उसके पास लाइसेंस नहीं था. उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया गया था. इतना ही नहीं वो 23 फरवरी को अजनाला पुलिस स्टेशन में हुई हिंसा में भी शामिल था. इस मामले में भी उस पर कार्रवाई होगी.

इस पूरे मसले पर आईजीपी सुखचैन सिंह गिल ने कहा है कि पुलिस किसी भी बेकसूर को गिरफ्तार नहीं करेगी. अगर किया भी जाता है तो उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया जाएगा. हमने अलग-अलग जगहों से अब तक 207 लोगों को हिरासत में लिया है, इनमें से 30 को आपराधिक मामलों के तहत गिरफ्तार किया है. राज्य में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 177 लोगों को प्रिवेंटिव डिटेंशन में रखा गया है.

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