दुनिया एक और शीत युद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकती: इमरान खान
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों खुली आंखों से सपने देख रहे हैं। बीजिंग दौरे पर पहुंचे इमरान ने चीन और अमेरिका के बीच मध्यस्थ बनने की इच्छा जता दी है। यह बात अलग है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शपथ ग्रहण के बाद से अब तक उन्हें बातचीत करने के लायक नहीं समझा है। खुद इमरान खान इस बात को लेकर कई बार सार्वजनिक तौर पर अपने दुख का इजहार कर चुके हैं।
इसके बावजूद वे मौजूदा समय की सबसे बड़ी वैश्विक समस्या के समाधान ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने बताया कि प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका और चीन के बीच विवाद को सुलझाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है। फवाद ने कहा कि चीन में थिंक टैंकों के साथ अपनी बैठकों के दौरान इमरान खान ने जोर देकर कहा कि दुनिया एक और शीत युद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकती।
बीजिंग शीतकालीन ओलिंपिक के उद्घाटन समारोह में भाग लेने और पैसा मांगने आए इमरान खान ने रविवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस दौरान चीन ने 60 अरब डॉलर के सीपीईसी निवेश कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान के साथ करीबी सहयोग का संकल्प जताया। इस मुलाकात के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कश्मीर को लेकर जिनपिंग के सामने जमकर जहर उगला। चीन की एक सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार इमरान खान के साथ अपनी बैठक में शी जिनपिंग ने कहा कि चीन राष्ट्रीय आजादी, संप्रभुता, गरिमा की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने में पाकिस्तान का दृढ़ता से समर्थन करता है।
उन्होंने कहा कि चीन सीपीईसी के पूर्ण विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए पाकिस्तान से हाथ मिलाने को तैयार है। एक संयुक्त बयान में बताया गया कि पाकिस्तानी पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू कश्मीर में स्थिति पर ताजा घटनाक्रमों से अवगत कराया। चीनी पक्ष ने फिर से कहा कि कश्मीर मुद्दा एक ऐसा विवाद है जो अतीत से मिला है और उसका उपयुक्त एवं शांतिपूर्ण तरीके से समाधान होना चाहिए। चीन स्थिति को और जटिल करने वाली किसी भी एकपक्षीय कार्रवाई का विरोध करता है।