दुनिया मना रही FIFA वर्ल्ड कप का जश्न, तरस रहे चीनी लोग, ये है बड़ी वजह
नई दिल्ली: कतर में हो रहे फीफा वर्ल्डकप को लेकर पूरी दुनिया में उत्साह देखने को मिल रहा है. लेकिन इस बीच चीन के लोग परेशान हैं. चीन की नेशनल टीम भी इस महामुकाबले के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाई है. वहीं दूसरी ओर वे फीफा वर्ल्ड कप के मैच देखकर दूसरी टीमों या अपने पसंदीदा प्लेयर के गोल मारने का जश्न चीन के लोग नहीं मना पा रहे हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि चीन में कोरोना वायरस का एक मामला भी सामने आने पर बेहद कड़े प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. कई शहरों में तो लॉकडाउन के कारण लोग घरों में कैद हैं.
चीन इस समय जीरो कोविड पॉलिसी अपना रहा है. ऐसे में वहां की जिनपिंग सरकार लोगों पर कड़े प्रतिबंध लगा रही है. कई शहरों में लॉकडाउन घोषित है. पिछले 24 घंटे में चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के 28 हजार से अधिक केस सामने आए हैं. ऐसे में चीन पिछले 6 महीने में कोविड के सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. फुटबॉल की बात करें तो चीन में यह खेल काफी लोकप्रिय है. खुद राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी फुटबॉल प्रेमी हैं. उन्होंने कई बार कहा है कि उनका सपना है कि उनके देश की टीम वर्ल्ड कप जीते. चीन ने वर्ल्ड कप के शुरू होने के समय कतर में उसकी ओर से भेजे गए प्रोडक्ट्स की भी काफी पब्लिसिटी की.
चीन के कई शहरों में कोविड 19 के कारण लॉकडाउन लगा है. ऐसे में बार बंद हैं. लोगों को घरों में ही रहकर फीफा वर्ल्ड कप के मैच देखने पड़ रहे हैं. लोगों से घरों से कम ही बाहर निकलने को कहा जा रहा है. चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लॉकडाउन की अवधि को बढ़ा दिया गया है. झोंगझोउ के आठ जिलों की कुल आबादी करीब 66 लाख है और वहां लोगों को गुरुवार से लेकर पांच दिन तक अपने-अपने घरों में रहने को कहा गया है. शहर की सरकार ने संक्रमण से निपटने की कार्रवाई के तहत वहां व्यापक स्तर पर जांच के आदेश दिए हैं.
लोगों की आवाजाही पर रोक
झोंगझोउ के बैयुन जिले में सोमवार को ही लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी. व्यापक स्तर पर जांच किए जाने तक लोगों से घरों में रहने को कहा गया है. बीजिंग में इस सप्ताह एक प्रदर्शनी केंद्र में अस्थायी अस्पताल बनाया गया और बीजिंग इंटरनेशनल स्ट्डीज यूनिवर्सिटी में भी आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया. विश्वविद्यालय में संकमण का एक मामला सामने आया था. इससे पहले राजधानी में शॉपिंग मॉल और अन्य कार्यालयों को भी बंद कर दिया गया था.