अन्तर्राष्ट्रीय

दुनिया के सामने है अब अनाज की कमरतोड़ महंगाई का खतरा

ब्रसेल्स: दुनिया भर में खाद्य पदार्थों की कीमतों में इस साल भारी उछाल आया है। वैश्विक अनाज मूल्य सूचकांक अब तक 27 फीसदी बढ़ चुका है। ये जानकारी विश्लेषण (एनालिटिकल) एजेंसी इंफोलाइन इन्फॉर्मेशन ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में दी है। जानकारों का कहना है कि कोरोना महामारी आने के बाद से ही दुनिया में अनाज की महंगाई का दौर है। अब इसके साथ ही दुनिया को ऊर्जा संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। इससे आने वाले समय में महंगाई और दूसरी आर्थिक समस्याएं और गहरा सकती हैं।

इंफोलाइन एजेंसी के सीईओ इवान फेड्याकोव ने एक रूसी न्यू वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा- ‘1970 के दशक के बाद अनाज की कीमत में सबसे बड़ी बढ़ोतरी इसी साल हुई है। उस समय भी ऐसी महंगाई देखने को मिली थी। लेकिन तब उसकी वजह दुनिया भर में हो रहे वित्तीय बदलाव थे। उसके बाद लगभग 40 साल तक अनाज की वैसी महंगाई देखने को नहीं मिली, जैसा हम अभी देख रहे हैं।’

फेड्याकोव ने ध्यान दिलाया कि अलग-अलग कई वस्तुओं की कीमत का संबंध जुड़ा रहता है। उन्होंने कहा- ‘इस समय कीमतें सिर्फ फल, सब्जियों और दूध की ही नहीं बढ़ रही हैं, बल्कि पशुओं के चारे और उर्वरकों के दाम भी बढ़ रहे हैं। इससे महंगाई का एक दुश्चक्र शुरू हो गया है। कीमतों का बढ़ना अभी जारी रहेगा। लेकिन दूसरा मुद्दा लोगों की क्रय शक्ति का है। लोगों की क्रय शक्ति असीमित नहीं है।’ जाहिर है, फेड्याकोव ने यह कहना चाहा है कि महंगाई से लोगों की मुश्किलें ऐसी सीमा तक बढ़ सकती हैं, जब उनके लिए बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाएगा।

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