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लैपटॉप का कीड़ा था, कोई दोस्त नहीं; पिता ने बताई बुली बाई ऐप बनाने वाले नीरज की कहानी

नई दिल्ली: मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर को नीलाम करने वाले बुली बाई ऐप के क्रिएटर नीरज बिश्नोई को दिल्ली पुलिस ने असम के जोरहाट से गुरुवार को अरेस्ट किया था। ओपन-सोर्स प्लैटफॉर्म गिटहब पर मौजूद बुली बाई ऐप का इस्तेमाल सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीर उनकी मर्जी के बिना नीलाम करने के लिए किया गया था। अब नीरज के पिता दशरथ बिश्नोई ने बताया है कि उनका बेटा बहुत ही इंटेलिजेंट है लेकिन उसके बेहद कम दोस्त हैं और वह दिन भर लैपटॉप से चिपका रहता था।

दशरथ बिश्नोई के मुताबिक, असम सरकार की तरफ से दसवीं क्लास की परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक लाने वाले को लैपटॉप दिया जाता है और नीरज को इसी योजना के तहत लैपटॉप मिला था। इसके बाद से ही वह लैपटॉप से भर दिन चिपका रहता था और मार्च 2020 में लगे कोविड लॉकडाउन के समय से वह कमरे में बंद था।

उन्होंने कहा, ‘वह क्या करता था, हमें कुछ नहीं पता था। नीरज बचपन से ही चुपचाप रहता था। उसके बेहद कम दोस्त थे।’ नीरज के पिता दशरथ बिश्नोई असम में कमर्शियल वैन चलाने का काम करते हैं। दशरथ बिश्नोई ने बताया, ‘जब नीरज 11वीं और 12वीं क्लास में पढ़ रहा था तो NKEM साइंस एकेडमी की प्रिंसिपल ने कई बार उसका लैपटॉप जब्त कर लिया था। मुझे उसका लैपटॉप वापस लाने के लिए कई बार एकेडमी जाना पड़ा। मुझे नहीं पता वह लैपटॉप पर क्या करता था।’

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