मां-बाप को दी बद से बदतर मौत…चेहरे पर नहीं कोई अफसोस, बोला- उनकी हरकतों से परेशान हो गया था…
मेरठ: कहते हैं कि मां-बाप धरती पर भगवान का दूसरा रूप हैं, जो खुद लाखों परेशानियां झेल कर बच्चों का पालन पोषण करते हैं। वहीं बच्चे बड़े होकर मां-बाप को रूह कंपा देने वाली मौत दे तो ये बेहद असहनीय हो जाता है। मामला मेरठ का है। जहां एक 22 वर्षीय आर्यन ने अपने मां बाप की बेरहमी से हत्या कर दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की तो शक बेटे पर गया। जिसके बाद पुलिस ने बेटे को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। फिलहाल पुलिस ने बेटे और दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है।
पूछताछ में आर्यन ने बताया कि पापा हर दिन शराब पीकर घर आते थे। इसके बाद मम्मी की पिटाई करते थे। मना करने पर मुझसे भी विवाद करते थे। इससे परेशान हो गया था। आर्यन ने बताया कि मैं पिता की हरकतों से आजिज हो गया था। इसके बारे में मैंने दोस्त आदित्य बताया। इसके बाद हम दोनों ने पिता प्रमोद की हत्या का प्लान बनाया। दोस्त शास्त्री नगर में रहता है, वह गुड़गांव में कॉल सेंटर में काम करता है। मेरी बहन कनिष्का गुड़गांव में जॉब करती है।
आगे बताया कि मैं मंगलवार को रात करीब 8 बजे गुड़गांव से मेरठ स्थित घर पहुंचा। करीब 9 बजकर 30 मिनट पर दोस्त के पास गया। आधे घंटे बाद यानी रात 10 बजे दोबारा दोस्त आदित्य के साथ में घर पहुंचा। पापा प्रमोद को कॉल करके घर के पीछे का दरवाजा खुलवाया। फिर हम दोनों घर के अंदर गए। प्लान के मुताबिक, मैंने दादा-दादी और मां को मैंगोशेक में बेहोशी की दवा मिलाकर पिलाया। मगर, पिता को बिना दवा का मैंगोशेक दिया। फिर घरवालों से कहा कि मुझे दोस्त को घर छोड़ना है। इसलिए स्कूटी लेकर जा रहा हूं। फिर मैं दोबारा करीब 1 बजे लौटकर घर आया। फिर पापा को फोन कर दरवाजा खुलवाया। दोस्त घर के बाहर खड़ा था। पिता दरवाजा खोलने के बाद सोने चले गए। फिर दरवाजा खोलकर दोस्त को अंदर बुलाया।
आर्यन ने बताया कि इसके बाद हम दोनों लोग बेडरूम में जाकर पिता प्रमोद का गला चाकू से रेतकर हत्या कर दी। उसी दौरान पिता की चीख सुनकर अचानक मां ममता नींद से उठ गईं। हम दोनों को लगा कि कहीं मां पुलिस को सच न बता दे। इसलिए गुस्से में हम दोनों ने मां का भी गला रेत दिया। वारदात के बाद दोस्त को घर छोड़कर गुड़गांव चला गया। उसने बताया कि किसी को शक न हो। इसलिए पिता के मोबाइल पर सुबह 8.45 पर कॉल किया। इसके बाद पड़ोस के शुभम के परिवार को फोन किया। कहा कि मम्मी, पापा फोन नहीं उठा रहे हैं। आप मेरी बात करा दीजिए। इसके बाद पड़ोस में रहने वाले शुभम, प्रमोद के घर आए। नीचे प्रमोद के बुजुर्ग मां-बाप को उठाने के लिए कई आवाज लगाई, लेकिन कोई नहीं उठा।
काफी देर बाद प्रमोद की मां लड़खड़ाते हुए बाहर आईं। उन्हें लेकर शुभम ऊपर की मंजिल पर पहुंचे। आवाज लगाने पर जब कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला, तो सभी कमरे के अंदर गए। बेडरूम पर प्रमोद और ममता के शव बेड पर पड़े हुए थे। चद्दर खून से सनी हुई थी। शुभम ने घटना की सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने मंगलवार को शव को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया था। अंतिम संस्कार के दौरान इंस्पेक्टर नौचंदी समेत तमाम पुलिसकर्मी पहुंच गए थे। पुलिस को बेटे और दोस्त की निशानदेही पर दोनों के खून से सने कपड़े, चाकू, खून से सनी स्कूटी बरामद कर ली।
वारदात के बाद भी बेटे के चेहरे पर नहीं अफसोस
दिल्ली में सरिये की फैक्टरी में काम करने वाले प्रमोद कर्णवाल और उनकी पत्नी ममता ने आर्यन को लेकर हजारों सपने देखे होंगे लेकिन, उसी बेटे ने अपने मां बाप को हमेश के लिए सुला दिया। हैरत की बात तो ये है कि इतनी बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद भी आर्यन के चेहरे पर कोई अफसोस नहीं नजर आया।