रायपुर : छत्तीसगढ़ में गुटखा खाने वालों की संख्या काफी अधिक है और अधिकांश लोग मुंह के जोड़ों में दर्द की शिकायत लेकर डॉक्टरों के पास पहुंचेत हैं। वहीं दूसरी ओर हमारे दांतों में कई प्रकार की बीमारियां होती है और इन्हीं बीमारियों के बारे में जानकारी देने के लिए 3 व 4 सितंबर को इंडियन प्रोस्थेडोटिक्स सोसाइटी छत्तीसगढ़ शाखा के द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया है जिसमें देश भर से आए विशेषज्ञ इसके निदान के बारे में बारीकी से जानकारी देंगे। वहीं 4 सितंबर को प्रोस्थोडॉटिक्स विशेषज्ञों के द्वारा मरीन ड्राइव से छत्तीसगढ़ दंत चिकित्सालय तक रैली निकाली जाएगी और आमजनों को पोस्टर, बैनर व स्लोगन के माध्यम से जागरूकता का संदेश दिया जाएगा।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए इंडियन प्रोस्थेडोटिक्स सोसाइटी छत्तीसगढ़ शाखा के डा. नीरज कुमार चंद्राकर, डा. आरके दुबे, डा. महेंद्र अनंत व डा. प्रणव वर्मा ने बताया कि वर्तमान में बदलते परिवेश, खानपान एवं तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण जबड़े के जोड़ों में दर्द एवं विभारी का वस्यकों एवं युवा वर्ग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। इस मुख्य कारण यह है कि छत्तीसगढ़ में गुटखा खाने वालों की संख्या अधिक है और दूसरा मुख्य कारण दांतों पर जोर देने वाले चीजें खाना। इससे चिकित्सकीय भाषा में टीएमजे कहते है और जबड़े के जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए हमें सर्जरी करनी पड़ती है और मरीज ठीक तो हो जाता है। वहीं दूसरी ओर हमारे दांतों में 9 प्रकार की बीमारी होती है और इसके इलाज हेतु परामर्श व मार्गदर्शन करने विभिन्न क्षेत्रों एवं चिकित्सा पद्धतियों के विशेषज्ञ 3 और 4 सितंबर को सिविल लाइन स्थित न्यू सर्किट हाउस में जुटने वाले है जहां वे कार्यशाला के माध्यम से अपने अनुभव साझा करेंगे।
डा. चंद्राकर ने बताया कि इस कार्यशाला में चेन्नई से मैक्सिकोफेशियल प्रोस्थोडॉटिस्ट एवं इंडियन प्रोस्थोडोसिस सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. वी. रंगराजन, बैंगलोर से इस विषय में ख्यातिप्राप्त विशेषज्ञ एवं मैक्सिलोफिशियल प्रोस्थोडॉटिक्ट डा. प्रफुल्ल थुमती, कोच्चि से प्रसिद्ध क्रेनियोफेशियल सर्जन डा. प्रमोद सुभाष, रोहतक से आरेल मेडिसीन एवं रेडियोलॉजी विशेषज्ञ डा. हरनीत सिंह तथा जयपुर से प्रसिद्ध ज्याइंट मोहिलाइजेशन विशेषज्ञ एवं फिजियोथेरेपिस्ट डा. हिमांश माथुर शामिल होंगे।