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यहां दुकानों पर नहीं होते हैं दुकानदार, भरोसे पर सालों से चल रही हैं शॉप्स

मुंबई : कभी कोई सामान खरीदना हो तो हम सबसे पहले इससे संबंधित शाॅप पर जाते हैं और शॉपकीपर से अपनी जरूरत की कीमत चुका कर सामान खरीद लेते हैं। इसके अलावा, ऑनलाइन शॉपिग भी एक विकल्प है। इसमे एक क्लिक करके संबंधित प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन पेमेंट से कोई भी चीज आप घर बैठे ऑर्डर सकते हैं।

इससे इतर कभी आपने सोचा कि आप किसी दुकान पर पहुंचे, जहां कोई दुकानदार ही न मिले। बस आप जाएं और वहां अपने हिसाब से चीज लें और उस सामान के पैसे वहीं पास में रखे थैले या बॉक्स में रखकर चले जाएं। सुनने में ये थोड़ा अजीब लग रहा होगा, मगर ऐसा है। कहीं और नहीं बल्कि अपने देश में ही भरोसे के दम पर दुकानें चल रही हैं। कहां ये शॉप्स और कैसे होती हैं संचालित, आइए जानते हैं।

मिजोरम में हैं ये दुकानें : ये दुकाने मिजोरम में मौजूद है। राजधानी आईजोल से 11 किलोमीटर से दूर सेलिंग में सड़क किनारे कई ऐसी दुकाने हैं, जहां पर शॉपकीपर नहीं होते हैं। यहां कई फल, सब्जी समेत अन्य चीजों की दुकाने हैं, जहां पर दुकानदार पैसे लेने के लिए मौजूद नहीं होते हैं। न ही कोई तोल-मोल होता है। बस ग्राहक आपकी जरूरत के हिसाब से सामान लेते हैं और उसके पैसे पास में रखे थैले या बॉक्स में रखकर चले जाते हैं।

नगाह लोह द्वार कल्चर : बिना दुकानदारों की दुकानों को मिजोरम की स्थानीय भाषा में ‘नगाह लोह द्वार’ कहा जाता है। यह शॉप्स किसान लगाते हैं, जो कि खेती करने के साथ-साथ ये फल, सब्जी की दुकान भी लगाते हैं।

भरोसे पर चलती हैं दुकानें : ये दुकाने पर भले ही कोई शॉपकीपर देखने वाला नहीं है लेकिन फिर भी यहां कभी कोई चीज चोरी नहीं होती है। इसी तरह कोई भी दुकानों पर लगे बॉक्स से कोई पैसे उठाकर नहीं ले जाता है, बल्कि इन दुकान के मालिकों को पूरे पैसे मिलते हैं। यहां दुकाने पूरी तरह भरेासे पर चलती हैं। यह दुकाने सालों से चल रही हैं।

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