घर में गंगाजल रखने के है कुछ नियम, जिससे जिंदगी होगी खुशियों से भरपूर
नई दिल्ली : भारत में सदियों से लोगों की गंगा के जल में आस्था रही है। सनातन धर्म में गंगा नदी को माता का दर्जा दिया गया है इसलिए भक्त अपने घर को पवित्र रखने के लिए अपने घर में गंगाजल रखते हैं। कहा जाता है कि गंगा का पानी मोक्ष प्रदान करता है और इसका उपयोग पूजा, शुद्धिकरण, अभिषेक और कई धार्मिक कार्यो और अनुष्ठानों में किया जाता है। गंगाजल के बिना कोई भी धार्मिक कार्य या अनुष्ठान सम्पूर्ण और संपन्न नहीं माना जाता है।
गंगाजल को भूलकर भी कभी भी प्लास्टिक की बोतल या डिब्बे में नहीं रखना चाहिए क्योकि प्लास्टिक में रखा गंगाजल पूजा के लिए अशुद्ध माना जाता है। गंगाजल को हमेशा तांबे, चांदी, मिट्टी या कांसे के बर्तन में रखना चाहिए। इन बर्तनों में गंगाजल रखने से वह हमेशा शुद्ध रहता है।
जिस दिन आपने मांस या शराब का सेवन किया हो उस दिन गंगाजल को भूलकर भी स्पर्श न करें। इसके साथ ही जिस कमरे में आप गंगाजल का सेवन कर रहे हैं वहां गंगाजल न रखें, इससे न केवल गृह दोष होता है बल्कि पाप का भी भागीदार बनता है।
जब भी गंगाजल का प्रयोग करना हो तो सबसे पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ कर लेना चाहिए, उसके बाद प्रणाम करके ही उसको उपयोग में लेना चाहिए। गंगाजल को गंदे हाथों से छूने से ग्रह दोष होता है।
गंगाजल को कभी भी ऐसी जगह नहीं रखना चाहिए जहां अंधेरा हो। घर को बुरी शक्तियों, बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए प्रतिदिन घर के चारों ओर गंगाजल छिड़कें।
गंगाजल रखने का सबसे पवित्र स्थान घर का मंदिर माना जाता है और मंदिर के ईशान कोण में गंगाजल रखें। यह दिशा धार्मिक कार्यों के लिए उत्तम मानी जाती है। ऐसा करने से घर की सारी नकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाएगी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होगा। मंदिर के साथ ही प्रतिदिन गंगाजल की पूजा करें।