एक जून से हो सकते हैं कई बड़े बदलाव, जानिए कैसे आपकी जेब पर पड़ेगा असर
नई दिल्ली : एक जून से बैंकिंग से लेकर लेनदेन और निवेश के नियमों में बदलाव होने जा रहे हैं। इसके तहत बैंकों में पड़ी बिना दावे वाली राशि के लिए अभियान चलाकर उसका निपटारा किया जाएगा। वहीं, इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन की सब्सिडी में सरकार की ओर से कमी की जा रही है। इसके चलते इन वाहनों की कीमतों में इजाफा हो सकता है। म्यूचुअल फंड में बच्चों के नाम से निवेश के नियम आसान हो जाएंगे। उधर, सोने के आभूषणों पर हॉलमार्किंग नए जिलों में भी लागू होने जा रही है।
आरबीआई 1 जून से 100 दिन का अभियान चलाने जा रहा है। इस योजना के तहत 100 दिनों के भीतर भारत के हर एक जिले में हर एक बैंक में जमा 100 बिना दावा वाली रकम का पता लगाकर उनका निपटारा किया जाएगा। इस तरह से बैंकों में जमा बिना दावा वाली रकम की मात्रा को कम किया जा सकेगा और राशि को उनके सही मालिकों और दावेदारों तक पहुंचाया जा सकेगा। बिना दावा वाली राशि उसे कहा जाता है, जिसका 10 साल या उससे भी अधिक समय से किसी तरह का लेन-देन नहीं किया गया हो। बैंकिंग प्रणाली में इसे असक्रिय जमा माना जाता है।
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्किंग का दूसरा चरण 1 जून से लागू करने जा रहा है। देश के 256 जिलों और अन्य नए 32 जिलों में एक जून से सोने के आभूषण और पुरानी शिल्पकृति की हॉलमार्किंग अनिवार्य होगी। यह आदेश पिछले साल ही जारी किया गया था लेकिन सरकार ने इसकी समय सीमा बढ़ाई थी। फिलहाल, भारतीय मानक ब्यूरो ने ऐसे जिलों में आदेश का सख्त पालन करने को कहा है। हॉलमार्किंग नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई के आदेश भी जिला प्रशासन को दिए गए हैं।
बाजार नियामक सेबी ने म्यूचुअल फंड (mutual fund) में निवेश को लेकर नए नियमों की घोषणा की है। इसके तहत अब माता-पिता या कानूनी अभिभावक अब बच्चों के नाम पर निवेश कर सकते हैं। नया नियम 15 जून से लागू होगा। इसके लिए बच्चों के लिए संयुक्त या नाबालिग खाता खोलने की जरूरत नहीं होगी। यही नहीं निवेश का भुगतान माता-पिता के खाते से किया जा सकेगा। सेबी ने सभी म्यूचुअल फंड कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे नए नियमों के तहत म्यूचुअल फंड में निवेश और निकासी को सुगम बनाने के लिए जरूरी बदलाव करें।
सरकार ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर लागू फेम-2 योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी को कम कर दिया है। यह फैसला एक जून 2023 को या उसके बाद पंजीकृत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर लागू होगा। इसके तहत सब्सिडी राशि को 10,000 रुपये प्रति किलोवाट कर दिया है। पहले यह 15,000 रुपये प्रति किलोवाट थी। इसके चलते अधिकांश इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन लगभग 25,000 रुपये से 35,000 रुपये तक महंगे हो सकते हैं। फेम-2 योजना एक अप्रैल 2019 को तीन साल के लिए शुरू की गई थी। बाद में इसे 31 मार्च, 2024 तक के लिए और बढ़ा दिया गया था।
हर माह एलपीजी के दाम अपडेट होते हैं। इस बार भी एक जून को एलपीजी के रेट अपडेट होंगे। अभी इस महीनें यान 1 मई को दिल्ली से लेकर कानपुर, पटना, रांची, चेन्नई तक एलपीजी सिलेंडर के 171.50 रुपये सस्ता हो हुआ था। हालांकि, एलपीजी सिलेंडर के दाम में कमी सिर्फ कॉमर्शियल सिलेंडर में हुई थी। दूसरी ओर 14.2 किलो वाले घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
आयकर अधिकारी इनकम में डिफरेंस के बारे में आयकरदाताओं को 30 जून तक नए नोटिस भी भेजेंगे। ये नोटिस आयकर अधिनियम की धारा 143(2) के तहत जारी किए जाएंगे। इसके बाद आयकरदाता को इस बारे में संबंधित दस्तावेज पेश करने होंगे।