चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पराली जलाने से होने वाला प्रदूषण एक गंभीर मसला बना गया है। प्रदूषण को दूर करने के लिए हरियाणा सरकार ने व्यापक प्रबंध किए हैं। किसानों में जागरूकता पैदा करने के साथ ही पराली जलाने पर एफआईआर तथा जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। वर्ष 2022 में अब तक हरियाणा में पराली जलाने की महज 1925 घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि यदि इन घटनाओं की तुलना पंजाब से की जाए तो पता चलता है कि यह घटनाएं काफी कम हैं। पंजाब में 30 अक्तूबर 2022 तक पराली जलाने की 13873 घटनाएं सामने आई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण के दुष्परिणाम पूरे इलाके में होंगे। चाहे हरियाणा हो या चंडीगढ़, पंजाब का प्रदूषण हर जगह असर कर सकता है। इसलिए पंजाब सरकार से अपील है कि वे इस बारे में कठोर कदम उठाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पराली न जलाने व पराली के उचित प्रबंधन के लिए धान पर 100 रुपये प्रति क्विंटल या 1000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है। किसानों को पराली की गांठ बनाने के लिए 50 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि और पराली प्रबंधन के उपकरणों पर सब्सिडी दी जाती है। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के उपकरण 50 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सेन्टर पर 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
सरकार ने पराली खरीदने व उद्योगों तक पहुंचाने के लिए नया पोर्टल बनाया है। इस पर पराली खरीदने वाले ठेकेदारों व उद्योगों की जानकारी भी उपलब्ध होगी, जो किसान अपनी पराली बेचना चाहता है वह पोर्टल के माध्यम से सीधा संपर्क कर सकता है। प्रदेश सरकार ने पराली के एमएसपी के लिए कमेटी बनाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 24 ऐसे और उद्योग हैं जिन्होंने अपनी ऊर्जा खपत के लिए पराली का उपयोग करने के लिए सहमति व्यक्त की है।