नई दिल्ली : पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने के मामले पिछले साल की तुलना में इस साल क्रमश: 27 फीसदी और 37 फीसदी घटे हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने यह जानकारी दी। मंत्रालय ने कहा कि पंजाब में 2020 में पराली जलाने के कुल 83,002 मामले दर्ज किए गए थे। 2021 में पराली जलाने के मामले घटकर 71,304, 2022 में 49,922 और इस साल घटकर 36,663 रह गए।
मंत्रालय ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल खेतों में पराली जलाने के मामलों में 27 फीसदी की कमी आई है। मंत्रालय के मुताबिक हरियाणा में 2020 में पराली जलाने के कुल 4,202 मामले, 2021 में 6,987 मामले, 2022 में 3,661 मामले तथा इस साल 2,303 मामले दर्ज किए गए। मंत्रालय ने बताया कि इस प्रकार से पिछले साल की तुलना में इस साल 37 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है तथा 2021 की तुलना में यह 67 फीसदी तथा 2020 की तुलना में 45 फीसदी कम हैं।
पराली जलाने के मामलों में आई गिरावट
मंत्रालय ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल खेतों में पराली जलाने के मामलों में 27 फीसदी की कमी आई है। मंत्रालय के मुताबिक हरियाणा में 2020 में पराली जलाने के कुल 4,202 मामले, 2021 में 6,987 मामले, 2022 में 3,661 मामले तथा इस साल 2,303 मामले दर्ज किए गए। मंत्रालय ने बताया कि इस प्रकार से पिछले साल की तुलना में इस साल 37 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है तथा 2021 की तुलना में यह 67 फीसदी तथा 2020 की तुलना में 45 फीसदी कम हैं।
बता दें कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर कुछ महीनों से खराब श्रेणी में बना हुआ है। जिससे लोगों के स्वस्थ्य पर खराब प्रभाव पड़ रहा था, लोगों को बाहर सांस लेने तक में परेशानी हो रही थी। मौसम विज्ञानियों और चिकित्सकों का कहना है कि प्रदूषण को देखते हुए आप कोशिश करें कि घर से बाहर न निकलें। जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलें। घर से बाहर निकलने की स्थिति में मास्क जरूर पहनें। गर्म पानी पीने की कोशिश करें।