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GST दर में कटौती के आसार, महंगी किस्त से मिल सकती है निजात

नई दिल्ली : हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस कराने वाले लोगों को महंगे प्रीमियम (बीमा किस्त) से निजात मिल सकती है। नौ सितंबर को दिल्ली में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में दोनों तरह के बीमा पर लगने वाली जीएसटी को 18 से घटाकर पांच प्रतिशत किया जा सकता है। इस कटौती का लाभ सिर्फ 50 हजार तक के सालाना किस्त वाले बीमा पर दिए जाने की संभावना है। उधर, बैठक में जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाए जाने समेत अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।

लंबे समय से मांग की जा रही है कि बीमा पर लगाने वाली जीएसटी काफी अधिक है। लोग अपने भविष्य को सुरक्षित करने व जोखिम को ध्यान में रखकर बीमा कराते हैं लेकिन उस पर इतना अधिक जीएसटी वसूला जाना सही नहीं है। इसको लेकर विपक्षी दल भी लगातार मांग कर रहे हैं कि जीएसटी को हटाया जाए।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने चेन्नई में जीएसटी पर केंद्र-राज्यों में टकराव से इनकार करते हुए कहा कि इस आर्थिक सुधार में संघीय ढांचे का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, बजट पूर्व सभी परामर्श बैठकों में राजस्व बढ़ाने के बजाय करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल और सहज बनाने को प्राथमिकता दी गई है। मैं आपके सामने कड़वा सच रखना चाहती हूं। हां, हम राजस्व बढ़ाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री के साथ कई चर्चाओं में राजस्व जुटाने का विषय सबसे अंत में आया। लेकिन करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल, सहज और सुगम बनाना सबसे पहले आया।

बीमा के संबंध में कमेटी द्वारा दिए गए सुझाव

  1. टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी को घटाकर पांच प्रतिशत किया जाए।
  2. स्वास्थ्य बीमा से अगर जीएसटी को पूरी तरह से हटाया जाता है तो उससे करीब 3500 करोड़ का जीएसटी संग्रह कम होगा।
  3. वरिष्ठ नागरिकों को पांच लाख रुपये तक के कवरेज पर जीएसटी दर को घटाकर पांच प्रतिशत किया जाता है तो करीब 1700-1750 रुपया का जीएसटी संग्रह कम होगा।
  4. वरिष्ठ नागरिकों द्वारा स्वयं किए जाने वाले प्रीमियम भुगतान पर जीएसटी को हटाया जाता है तो 600 से 650 करोड़ का सालाना जीएसटी संग्रह कम हो सकता है।

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