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बीते 18 वर्षों से इस स्कूल में नहीं है बिजली कनेक्शन और सरकार ने भेज दिए हीटर

शिमला: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के प्राथमिक पाठशाला मंडोला में 18 वर्ष से बिजली का कनेक्शन नहीं लगा है। सर्दियों के मौसम में विद्यार्थी अंधेरे में परीक्षा देना पड़ता है। स्टाफ और स्टूडेंट को ठंड से बचाने के लिए विभाग ने स्कूल में हीटर तो भेज चुके है लेकिन, उन्हें चलाने के लिए बिजली की व्यवस्था आज तक नहीं हो सकी है। इन दिनों स्कूलों में परीक्षाओं का दौर चला है। ऐसे में मंडोला स्कूल में पढ़ने वाले 43 स्टूडेंट्स को पहले कड़ाके की ठंड में गांव से डेढ़ किमी पैदल चलकर पहुंचना पड़ता है और इसके उपरांत अंधेरे में ठंड में कांपते हाथों से पेपर देना पड़ता है।

रुटीन में उनकी कक्षाएं भी अंधेरे में भी अँधेरा हैं। क्योंकि, बंद कमरों में बिना बिजली अंधेरा बना हुआ है। अगर मौसम खराब हो जाए तो अध्यापकों और विद्यार्थियों की मुश्किलें और भी बढ़ने लगी है। खराब मौसम में आसमान में सूरज की रोशनी गायब हो जाती है। ऐसा नहीं है कि इस परेशानी के बारे में प्रशासन और विभाग को अवगत नहीं किया गया है। बल्कि स्कूल प्रबंधन समिति और स्थानीय लोग परेशानी के बारे में कई बार मंत्रालय और प्रशासन को सूचित कर चुके हैं।

हैरानी की बात है कि अभी तक परेशानी का समाधान अब तक नहीं हो पाया है। स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष दुनी चंद ने कहा है कि पिछले दिनों क्षेत्र में बर्फबारी होना शुरू हो गया। इससे क्षेत्र में ठंड बहुत बढ़ गई है। बच्चों को बर्फ में आवाजाही करके परीक्षा देनी पड़ रही है। बोला है कि जब वह बिजली कनेक्शन के लिए बोर्ड के अधिकारियों को कहते हैं तो हर बार उन्हें आश्वासन देकर टाल चुके है। यह आश्वासन बीच 18 वर्ष से दिया जा रहा है। हैरानी इस बात की है कि गवर्नमेंट भी इस केस को गंभीरता से नहीं ले रही है।

एक ओर सरकार बेहतर शिक्षा प्रदान करने के दावे कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ स्कूल में बिजली कनेक्शन तक न होना गवर्नमेंट के दावों की पोल खोलते जा रहा है। उन्होंने गवर्नमेंट और प्रशासन से मांग की है कि स्कूल में बिजली मुहैया करवाई जाए। बोर्ड के अधिशासी अभियंता पवन शर्मा ने कहा कि स्कूल तक बिजली पहुंचाने के लिए टेंडर आवंटित हो गया है। जरूरी सामान पहुंचते ही कनेक्शन लगाने का कार्य शुरू हो जाएगा।

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