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महंगाई और मंदी का डर नहीं, भारत में बिका 381 टन सोना; जमकर लिए लोन

मुंबई: एक और जहां यूरोप और यूएस में लोगों को बढ़ती महंगाई और मंदी का डर सता रहा है. वहीं, भारत में लोग इससे बिल्कुल चिंतित नहीं है. दिवाली पर त्योहारी सीजन में सेल्स और डिमांड के आंकड़ों से इसका पता चला है. इस सीजन में गोल्ड की जबरदस्त डिमांड देखने को मिली और इसने अपने प्री-कोविड लेवल को छू लिया. वहीं, रिटेल लोन ग्रोथ भी सितंबर में 20% बढ़ी, जो 2020 में कोविड -19 महामारी के बाद सबसे ज्यादा है. यह कंज्यूमर डिमांड में बढ़ोतरी के बड़े संकेत हैं.

दरअसल कोरोना महामारी के कारण पिछले दो सालों में शादी जैसे बड़े समारोहों स्थगित रहने से सोने की बिक्री में गिरावट आई थी लेकिन अब गोल्ड की सेल्स में फिर से तेजी आई है. गोल्ड माइनर्स लॉबी वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने कहा कि जनवरी-सितंबर की अवधि में सोने के आभूषणों की मांग 381 टन थी, जो तीसरी तिमाही में ज्यादा थी.

साल 2021 में इसी अवधि में गोल्ड की सेल्स 346 टन थी और 2020 में कोविड और लॉकडाउन के कारण मांग में कमी आई और यह बिक्री सिर्फ 179 टन थी. इससे पहले 2019 में जनवरी-सितंबर के बीच सोने के आभूषणों की मांग 396 टन थी. दरअसल बढ़ती घरेलू खुदरा मूल्य मुद्रास्फीति और एक डॉलर के मजबूत होने से गोल्ड की मांग बढ़ गई है, क्योंकि ऐसे समय में महंगाई सोने में निवेश को सही माना जाता है.

कंज्यूमर सेंटिमेंट में सुधार होने से रिटेल लोन ग्रोथ सितंबर में 20% बढ़ी, जो 2020 में कोविड -19 के प्रकोप के बाद से सबसे ज्यादा है. वाहनों, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और घरों की खरीद के लिए सभी कैटेगरी में लोन की मांग देखी गई, जो रिटेल लोन का मुख्य आधार है.

वहीं, अन्य पर्सनल लोन कैटेगरी के लोन 23 सितंबर तक 24.4% बढ़कर ₹9.73 ट्रिलियन हो गए. इनमें मुख्य रूप से घरेलू खपत, चिकित्सा व्यय, यात्रा, विवाह, अन्य सामाजिक समारोहों और लोन पेमेंट से जुड़े ऋण शामिल हैं. सितंबर के आखिर में सभी सब-सेगमेंट में वृद्धि के कारण कुल रिटेल लोन ₹37 ट्रिलियन से ज्यादा हो गया है.

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