किसी भी गाँव, नगर में न हो पेयजल संकट : मुख्यमंत्री चौहान
भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ग्रीष्म ऋतु में शहर हो या गाँव, सभी जगह पीने के पानी के पर्याप्त प्रबंध करना हमारा दायित्व है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतें अपने दायित्वों के निर्वहन में तत्पर बने रहे। जिन स्थानों पर पेयजल की कमी की जानकारी समाचार-पत्रों, सोशल मीडिया आदि से प्राप्त हो, उसका तत्काल समाधान किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने आज प्रात: मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में पेयजल प्रबंध की समीक्षा की थी। उन्होंने शाम को पुन: मंत्रालय में प्रदेश की पेयजल योजनाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जहाँ किसी योजना के कार्य अधूरे हैं, उन्हें तत्काल पूरा किया जाए। बैठक में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, ऊर्जा और नगरीय विकास विभाग के अधिकारियों से प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर पेयजल आपूर्ति के बारे में चर्चा की। बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में 5 लाख 57 हजार हैंडपंप और 16 हजार 915 नल जल कनेक्शन हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 95.80% हैंडपंप चालू स्थिति में हैं। ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का अमला सक्रिय है। हैंडपंप के सतत संचालन के लिए विभागीय और आउटसोर्स अमला कार्यरत है। जल-स्तर गिरने की स्थिति में हैंडपंप में मोटर पंप की सहायता से आवश्यक व्यवस्था की जाएगी जिससे पेयजल की आपूर्ति बिना बाधा होती रहे। प्रदेश में 02 हजार से अधिक सिंगल फेस मोटर पंप उपलब्ध हैं। सभी जिलों में हैंडपंप सुधार कार्य के लिए शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने जिला, जनपद एवं ग्राम पंचायत कार्यालय में पेयजल समस्या की शिकायत के लिए रजिस्टर संधारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हैंडपंप सुधारने के लिए विकासखंड स्तर पर मोबाइल टीम गठित की जाए। ग्रीष्म ऋतु में पेयजल समस्या के निदान के लिए 5000 नये हैंडपंप लगाने का लक्ष्य निर्धारित कर तेजी से कार्य पूरा किया जाए। बताया गया कि सीएम हेल्पलाइन पर वर्ष 2021-22 में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ए-ग्रेड सूची में शामिल रहा है। सीएम हेल्पलाइन की 1 लाख 94 हजार 768 शिकायतों का पूर्ण निराकरण किया गया है।