अन्तर्राष्ट्रीय

गर्भपात पर पूरे यूरोप में मची हलचल, फ्रांस में मिला संवैधानिक अधिकार

नई दिल्ली: फ्रांस ने गर्भपात के अधिकार को शुक्रवार को अपने संविधान में शामिल कर महिला अधिकारों का समर्थन करने का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर एक मजबूत संदेश दिया। न्याय मंत्री एरिक डी. मोरेत्ती ने एक विशेष सार्वजनिक समारोह में, फ्रांस के संविधान में संशोधन को अंकित करने के लिए 19वीं सदी के प्रिटिंग प्रेस का उपयोग किया।

इसके साथ ही, फ्रांस अपने राष्ट्रीय चार्टर में गर्भपात के अधिकार को शामिल करने वाला पहला देश हो गया है। इस प्रावधान को फ्रांसीसी सांसदों ने इस सप्ताह के शुरूआत में मंजूरी दी थी। अमेरिका में, गर्भपात पर विचार बंटे हुए हैं। वहीं, लगभग पूरे यूरोप में इसे कानूनी मान्यता मिली हुई है। फ्रांस में इसे जोरदार समर्थन मिला है जहां इसे राजनीति के मुद्दे के बजाय लोक स्वास्थ्य का विषय माना जाता है।

फ्रांसीसी सांसदों ने सोमवार को संविधान संशोधन को 72 के मुकाबले 780 मतों से मंजूरी दी थी और इस कदम का कई धुर दक्षिणपंथी सांसदों ने समर्थन किया था। फ्रांस में अपने साथियों (पार्टनर) द्वारा महिलाओं की हत्या की दर लगातार उच्च रही है और मशहूर हस्तियों तथा अन्य पुरुषों द्वारा महिलाओं के किये जाने वाले यौन उत्पीड़न के खिलाफ मुकदमा चलाने की चुनौतियां बरकरार हैं। फ्रांस में विशेष रूप से ऐसी महिलाओं को कम वेतन और पेंशन मिलती है जो श्वेत नहीं हैं।

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