केंद्र सरकार और किसानों के बीच आज अहम बैठक: होगा समाधान या जारी रहेगा आंदोलन?
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चंडीगढ़: किसानों और केंद्र सरकार के बीच चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए आज चंडीगढ़ में अहम बैठक होने जा रही है. यह बैठक खास तौर पर एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत 13 प्रमुख मांगों को लेकर बुलाई गई है. इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने बैठक में शामिल होने की पुष्टि की है. किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल भी बैठक में शामिल होंगे, जिससे यह चर्चा और भी अहम हो गई है.
बैठक में दल्लेवाल की मौजूदगी?
किसान संगठनों की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस बैठक में किसान प्रतिनिधिमंडल अपनी सभी मांगों पर मजबूती से अपना पक्ष रखेगा. जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि वह खुद इस बैठक में हिस्सा लेंगे और एमएसपी की गारंटी समेत अन्य मुद्दों पर केंद्र से ठोस आश्वासन की मांग करेंगे. दल्लेवाल आज सुबह 11 बजे दातासिंहवाला-खनौरी किसान मोर्चा से चंडीगढ़ के लिए रवाना होंगे।
पहले चार दौर की बैठकें रही बेनतीजा
गौरतलब है कि इससे पहले फरवरी 2024 में किसानों और केंद्र सरकार के बीच चार दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका।
पहली बैठक: 8 फरवरी 2024— इस बैठक में तीन केंद्रीय मंत्री और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल हुए।
दूसरी बैठक: 12 फरवरी 2024—इस बार भी तीन केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
तीसरी बैठक: 15 फरवरी 2024—किसानों ने अपनी मांगें दोहराईं, लेकिन सरकार का रुख स्पष्ट नहीं हुआ।
चौथी बैठक: 18 फरवरी 2024—इस दौर में भी कोई ठोस फैसला नहीं हुआ।
इन बैठकों के बाद किसानों और सरकार के बीच बातचीत लगभग ठप हो गई थी। अब करीब एक साल बाद फिर से बातचीत शुरू हो रही है।
बैठक का एजेंडा और संभावित नतीजे
आज होने वाली बैठक के एजेंडे में प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है:
- एमएसपी की कानूनी गारंटी—किसान संगठन इस पर ठोस कानून की मांग कर रहे हैं।
- किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेना—किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को रद्द करने की मांग।
- गन्ना किसानों के भुगतान में देरी—बकाया भुगतान जल्द करने की मांग।
- पराली जलाने पर जुर्माना खत्म करना—किसानों पर दंडात्मक कार्रवाई खत्म करने का प्रस्ताव।
- बिजली संशोधन विधेयक 2020—किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी और मुफ्त बिजली पर चर्चा।
क्या खत्म हो सकता है आंदोलन?
अगर आज की बैठक में केंद्र सरकार किसानों की मांगों पर कोई ठोस फैसला लेती है तो संभव है कि किसान आंदोलन का समाधान हो जाए।
हालांकि किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे पीछे नहीं हटेंगे।अब देखना यह है कि सरकार इस बैठक में किसानों के लिए क्या प्रस्ताव रखती है और क्या यह बातचीत किसी ठोस नतीजे पर पहुंचती है या आंदोलन लंबा चलता है।