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आयुष्मान भारत योजना में होगा बदलाव, बीमा कवरेज दोगुना बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की तैयारी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार अपनी प्रमुख आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थियों का बीमा कवरेज दोगुना बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की तैयारी कर रही है। लाभार्थियों की संख्या अगले तीन साल में दोगुनी करने पर भी विचार हो रहा है। 70 साल से अधिक उम्र के सभी लोग इसके दायरे में लाने की सरकार घोषणा कर चुकी है।

आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि यदि प्रस्तावों को मंजूरी दी जाती है तो राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के अनुमान के अनुसार, सरकारी खजाने पर प्रति वर्ष 12,076 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा। अगले तीन वर्षों में एबी- पीएमजेएवाई के तहत लाभार्थियों की संख्या दोगुना करने पर चर्चा हो रही है, जिसे लागू किया गया तो देशलाभार्थियों की संख्या व बीमा राशि दोगुना करने पर विचार कर रही सरकार, दो-तिहाई से अधिक आबादी को मिलेगा स्वास्थ्य कवर की दो-तिहाई से अधिक आबादी को स्वास्थ्य कवर मिलेगा। परिवारों को कर्ज के दलदल में धकेलने वाले कुछ सबसे बड़े कारणों में चिकित्सा व्यय भी एक है कवरेज राशि सीमा पांच लाख से 10 लाख रुपये करने के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने पर भी विचार-विमर्श चल रहा है। 23 जुलाई को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में इन प्रस्तावों या इसके कुछ हिस्सों की घोषणा होने की उम्मीद है।

अंतरिम बजट 2024 में सरकार ने ‘एबी-पीएमजेएवाई’ के लिए आवंटन बढ़ाकर 7,200 करोड़ रुपये कर दिया था जोकि 12 करोड़ परिवारों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति वर्ष पांच लाख रुपये प्रति परिवार का स्वास्थ्य कवर प्रदान करता है। आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम- एबीएचआइएम) के लिए 646 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 27 जून को संसद की संयुक्त बैठक में अभिभाषण में कहा था कि 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी बुजुर्गों को भी अब आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर किया जाएगा और मुफ्त इलाज का लाभ मिलेगा। एक अन्य सूत्र ने कहा कि 70 वर्ष से अधिक उम्र वालों को मिलाकर इस योजना के लाभार्थियों की संख्या लगभग चार-पांच करोड़ बढ़ जाएगी। एबी-पीएमजेएवाई के लिए पांच लाख रुपये की सीमा 2018 में तय की गई थी। कवर राशि दोगुना करने का उद्देश्य उच्च लागत वाले उपचार जैसे अंग प्रत्यारोपण, कैंसर आदि के मामले में परिवारों को राहत प्रदान करना है।

नीति आयोग ने अक्टूबर 2021 में प्रकाशित ‘भारत के लापता मध्य के लिए स्वास्थ्य बीमा’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में योजना विस्तार करने का सुझाव दिया था। कहा था कि लगभग 30 प्रतिशत आबादी स्वास्थ्य बीमा से वंचित है। लगभग 20 प्रतिशत आबादी सामाजिक स्वास्थ्य बीमा और निजी स्वैच्छिक स्वास्थ्य बीमा से कवर की जाती है, जो उच्च आय समूह के लिए है। शेष 30 प्रतिशत आबादी स्वास्थ्य बीमा से वंचित है। पीएमजेएवाई में मौजूदा कवरेज अंतराल व योजनाओं के बीच ओवरलैप के कारण स्वास्थ्य कवर से वंचित आबादी अधिक है। इस वंचित आबादी को ‘लापता मध्य’ (मिसिंग मिडल) कहा जाता है।

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